उज्जैन: प्रशासन की पाबंदी के बीच गूँजी रामधुन, सीमित दायरे में हुआ हनुमान चालीसा का पाठ

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन के इंजीनियरिंग कॉलेज मैदान पर शनिवार को भक्ति और अनुशासन का अनूठा संगम देखने को मिला। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सानिध्य और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में आयोजित होने वाला ‘सवा लाख हनुमान चालीसा पाठ’ प्रशासन की पाबंदी के कारण प्रतीकात्मक रूप में संपन्न हुआ। आयोजकों ने कानून का सम्मान करते हुए विशाल जनसमूह को आमंत्रित करने के बजाय सीमित संख्या में श्रद्धालुओं के साथ पवनपुत्र की आराधना की।

प्रशासनिक आदेश से बदला कार्यक्रम का स्वरूप

सर्व सनातनी संस्था और श्री राम बाल कृष्ण सोसाइटी द्वारा इस भव्य आयोजन की तैयारी पिछले दो महीनों से की जा रही थी। इसमें करीब 1.51 लाख श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना थी, लेकिन शुक्रवार को जिला प्रशासन द्वारा जिले में निषेधाज्ञा (धारा 163) लागू कर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए गए। प्रशासन के इस अचानक आए फैसले के बाद आयोजकों ने जिम्मेदारी दिखाते हुए कार्यक्रम का दायरा सीमित कर दिया। श्रद्धालुओं को त्वरित सूचना भेजकर केवल प्रतीकात्मक पाठ में शामिल होने का आग्रह किया गया।

भक्ति के रंग में रंगे श्रद्धालु: रामधुन से गुंजायमान हुआ परिसर

प्रशासनिक प्रतिबंधों के बावजूद आयोजन के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ। कार्यक्रम में करीब 500 श्रद्धालु पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे और सामूहिक रूप से रामधुन व हनुमान चालीसा का पाठ किया। विभिन्न वर्गों और समुदायों के लोग इस धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा बने। सिंहस्थ स्थानीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डॉ. रामेश्वर दास, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा और अन्य संत-महात्माओं की उपस्थिति में यह अनुष्ठान गरिमामय तरीके से संपन्न हुआ।

दो महीने की मेहनत, लेकिन नियम सर्वोपरि

संस्था की कोषाध्यक्ष दुर्गेश नंदिनी शर्मा और समाजसेवी राजेश अग्रवाल ने बताया कि इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया था। यद्यपि डेढ़ लाख भक्तों के साथ पाठ करने का संकल्प था, लेकिन शहर की शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन के आदेश का अक्षरशः पालन किया गया। इस अवसर पर दिलराज सिंह चावड़ा, जीवन सिंह चावड़ा, आदित्य शर्मा सहित बड़ी संख्या में समाजसेवी और मातृशक्ति उपस्थित रही।

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