ठीक एक वर्ष पूर्व उज्जैन की कमान आशीष सिंह के हाथों में सौंपी गई थी। तत्कालीन कलेक्टर शशांक मिश्र उस समय व्यवस्थाओं को दुरस्त करने में पूरी तरह फैल साबित हो रहे थे। आरडी गार्डी में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था।
इन सब परिस्थितियों के बीच जिले की बागडोर आशीष सिंह को सौंपी गई थी। कलेक्टर आशीष सिंह ने उम्मीदों से अच्छा परिणाम सभी के सामने रखा। कोरोना की दूसरी लहर एक बार फिर तेजी से फैल रही है। कलेक्टर आशीष सिंह ने एक बार फिर मैदान पकड़ लिया है।
बीते दिन उन्होंने विभिन्न अस्पतालों का दौरा किया। इसके साथ ही कोरोना मरीजों के बीच वह पीपीई किट पहनकर पहुँचे। वहाँ पर उन्होंने मरीजों के हाल-चाल लिये। निश्चित रूप से जब जिले का मुखिया अस्पतालों का दौरा करने पहुँचता है तो वहाँ की अव्यवस्थाएं भी व्यवस्थाओं में तब्दील होने लगती है।
कलेक्टर इस बात को बखूबी समझ रहे हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोग लंबे समय से काम कर रहे हैं। इसलिये कलेक्टर सभी से समन्वय और स्नेह बनाकर काम ले रहे हैं। कलेक्टर जिस तरह से मैदान में आये हैं उससे सभी में एक उत्साह का माहौल बनेगा तथा जहाँ कोई कमियां हैं वह भी दूर होंगी।