बदनावर, अग्निपथ। भगवान महावीर के शासन में ऋषि-मुनियों द्वारा प्रदत्त प्राचीन मंत्रों की शक्ति अद्भुत है। इन मंत्रों के श्रवण से आधि, व्याधि और उपाधि जैसी समस्त तकलीफें दूर हो जाती हैं। श्रद्धा और भक्ति भाव से सुनी गई मांगलिक जीवन में सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। यह प्रेरक उद्बोधन युवाचार्य विश्वरत्न सागर सूरीश्वरजी महाराज ने रविवार को यश कॉलेज परिसर में आयोजित विशाल महामांगलिक के दौरान दिए।
माह में एक बार होने वाली इस ऐतिहासिक महामांगलिक का शुभारंभ युवाचार्यश्री के ओम्कार नाद और नवकार मंत्र के साथ हुआ। इसके पश्चात वज्र पंजर स्तोत्र के माध्यम से सुरक्षा कवच प्रदान किया गया। करीब 2 घंटे तक चले इस आध्यात्मिक अनुष्ठान में उवसग्गहरं, बड़ी शांति, कल्याण कंदम और शांतिकरम जैसे प्राचीन ग्रंथों के बीज मंत्रों का पाठ किया गया। श्रद्धालुओं ने अत्यंत तन्मयता और शांति के साथ इन मंत्रों का श्रवण किया।
सर्वसमाज की उपस्थिति ने बनाया ऐतिहासिक रिकॉर्ड
महामांगलिक के पश्चात अमित जैन ‘विक्की’ एवं परिवार की अनुमोदना करते हुए युवाचार्यश्री ने कहा कि यह आयोजन ऐतिहासिक है। उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में श्रोताओं की उपस्थिति और सुंदर व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि इसमें सभी समाजों, राजनीतिक दलों और संस्थाओं के सदस्यों की मौजूदगी एकता का अनूठा उदाहरण है। प्रातः काल से ही यश कॉलेज परिसर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था। भीड़ का आलम यह था कि कार्यक्रम के लिए बनाया गया विशाल पांडाल भी छोटा पड़ गया।
राज्यमंत्री और विधायकों सहित कई दिग्गज हुए शामिल
इस आध्यात्मिक आयोजन में केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर, विधायक भंवरसिंह शेखावत, सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल, मोहनखेड़ा ट्रस्ट के सुजानमाल सेठ, भाजपा नेता राजेश अग्रवाल, मनोज सोमानी सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ श्वेता जैन, सारिका बाफना एवं जैन परिवार की महिलाओं द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत से हुआ। अतिथियों ने भोइरावाला भगवान के समक्ष दीप प्रज्वलित कर मंगल कामना की।
भव्य स्वागत और गुरु पूजन का लाभ
आयोजक परिवार की ओर से प्रकाशचंद डोसी, मधुलिका जैन एवं श्रीसंघ अध्यक्ष राजमल सूर्या ने स्वागत भाषण दिया। अमित जैन विक्की, सौरभ डोसी और राहुल डोसी सहित परिवार के सदस्यों ने अतिथियों का बहुमान किया। कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में गुरु पूजन का लाभ प्रकाशचंद्र-अमितकुमार जैन ‘विक्की’ परिवार ने लिया। पारस चैनल पर इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया। संगीतकार त्रिलोक जैन और लाल मस्ताना ने भक्ति गीतों से समां बांध दिया। कार्यक्रम के पश्चात सभी श्रद्धालुओं ने सुरुचिपूर्ण भोजन (साधर्मिक वात्सल्य) का लाभ लिया।
