खुल सकती एजेंट व अधिकारी के गठजोड़ की परते
उज्जैन,अग्निपथ। एजेंट से मिले विभागीय दस्तावेजों मामले में आरटीओ संतोष मालवीय निलंबन से भले ही बच गए, लेकिन अब उनकी मुसीबत बड़ सकती है। वजह मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश मिलते ही बुधवार से अपर कलेक्टर अवि प्रसाद ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
सर्वविदित है आरटीओ एजेंट प्रदीप शर्मा द्वारा अपनी दुकान से ऑफिस चलाने की सूचना पर 18 मार्च को एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने छापा मारा था। तलाशी में उसकी दुकान व घर से विभाग की 120 फाईल,रसीद कट्टे आरटीओ की हस्तलिखित नोटशीट और सील मिली थी। कलेक्टर आशीष सिंह ने मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश देते हुए अपर कलेक्टर (आईएएस)अवि प्रसाद को जांच अधिकारी नियुक्त किया था।
प्रसाद को आदेश मंगलवार को मिल गए और उन्होंने जांच शुरू कर दी, जिसके चलते उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही आरटीओ में चल रही धांधली का सच उजागर हो जाएगा। याद रहे आरटीओ पर आरोप लगे थे कि वह शर्मा के द्वारा ही लेन-देन करते थे इसलिए उसके पास विभागीय फाईल मिली थी।
नोटिस से बचाव का रास्ता
परिवहन विभाग में धांधली सामने आने पर कलेक्टर सिंह ने संभागायुक्त संदीप यादव से आरटीओ मालवीय को निलंबित करने की अनुशंसा की थी। तय माना जा रहा था कि मामला गंभीर होने से मालवीय संस्पेंड होंगे, लेकिन उन्हें सिर्फ नोटिस भेजा गया। मामला रफादफा होने पर एक मीडियाकर्मी द्वारा जि मेदारों को मोटे लेन-देन के आरोप भी लगे थे, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हुई थी।
एजेंट पर एफआईआर की अनुशंसा
उल्लेखनीय है कि एजेंट शर्मा की दुकान पर छापा पडऩे पर आरटीओ ने उसके बचाव के लिए एडीएम सूर्यवंशी से चर्चा की थी। नहीं मानने पर शर्मा मौके से भाग गया था। विभागीय फाईल मिलने के पर सूर्यवंशी ने उस पर एफआईआर का कहा था और कलेक्टर को सौंपे अपने प्रतिवेदन में भी इसका जिक्र किया था। संभवत: अब मजिस्ट्रेट जांच के बाद उस पर केस दर्ज हो सकता है।
दस्तावेजों के साथ मजिस्ट्रेट जांच के आदेश मिलने पर जांच शुरू कर दी है।
अवि प्रसाद, अपर कलेक्टर व जांच अधिकारी