कानड़, अग्निपथ। शासकीय जमीन पर आवंटित की गई भूमि पर शासकीय बोर्ड लगा हुआ है। उसी जमीन पर खनिज माफियाओं द्वारा मुरम लाकर बेचा जा रहा है।
नहर के नजदीक पहुंच गए खनिज माफिया शायद इस बार भी नहर नहीं चलेगी, फूट सकती है, नहर खनिज माफियाओं की गलती से अपने लालच की खातिर किसान हर बार मारा जाएगा। क्या अपनी कृषि से रहेगा किसान वंचित, कानड़ नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 15 के नजदीक कृषि उपज मंडी बनी हुई है। जिसके नाम से प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित तहसील आगर जिला आगर मालवा उपार्जन कार्य हेतु आवंटित भूमि खसरा नंबर 324/1 में से हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। जिसका बोर्ड भी लगा हुआ है।
पास में ही पचेटी बांध से निकली नहर भी है। जिसमें आए दिन प्रत्येक वर्ष किसान अपनी खेती कर गेहूं उत्पादन करते हैं। परंतु इस बार घानीखेड़ी पुलिया टूटने की वजह से किसान अपनी फसल से वंचित रह गए और कई किसान अपने हाल पर रो रहे हैं। नहर नहीं चलने के कारण खेती नहीं कर पाये। परंतु खनिज माफियाओं को कहां चिंता किसी की। वह केवल अपना कार्य करते हैं, प्रशासन से डरते नहीं है। अपना दबदबा कायम बनाए हुए हैं। यही कारण है कि आज जब इस प्रतिनिधि ने वार्ड 15 शिव पहाड़ी पर पहुंचा देखा गया कि शासकीय भूमि को खोखला कर दिया गया है खनिज माफिया द्वारा एवं यहां तक की नहर निकली है उस नहर तक भी पहुंच गए हैं।
अपना लालच दौलत कमाने हेतु मुरम खोदकर नहर को भी नहीं छोड़ा है। थोड़ी सी और बची है अगर अभी भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता है। तो इस बार भी नहर शायद बंद रहेगी। मुझे ऐसा लग रहा है खनिज माफियाओं द्वारा आखिर प्रशासन का डर क्यों नहीं है, क्या कारण है, क्या प्रशासन की मिलीभगत से तो यह कार्य नहीं हो रहा है। अभी आज ही कानड़ थाना परिसर में नवीन भवन का कार्य चल रहा है और शायद बन भी हो चुका है। परंतु फिर भी मुरम कहां से आ रहा है अब कहां आवश्यकता पड़ रही मुरम की, नवीन भवन में और आखिर नवीन भवन में मुरम लाने वाला कौन है।
शासकीय तौर पर मुरम आ रहा है या खनिज माफिया द्वारा मुरम यहां डाला जा रहा है। समाचार पत्र के माध्यम से प्रशासन का इस ओर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं। क्या आखिर प्रशासन कब देखेगा कि गलत हो रहा है या सही।