जिद पर गुर्जर:कड़ाके की ठंड में रेल पटरी पर जले अलाव, बोले- मांगें पूरी नहीं हुई तो दिवाली यहीं मनाएंगे

आरक्षण आंदोलन

भरतपुर (राजस्थान)। बयाना के पीलूपुरा में बैकलॉग की भर्तियों समेत 6 मांगों को लेकर गुर्जर समाज के लोग कड़ाके की ठंड के बाद भी रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं। उम्मीद है कि शुक्रवार को सरकार की ओर से कोई प्रतिनिधि फिर बात करने ट्रैक पर पहुंच सकता है। गुरुवार को मंत्री अशोक चांदना ने भी गुर्जर समाज से आंदोलन खत्म करने की अपील की थी।

उधर, राजस्थान में हर दिन ठंड बढ़ती जा रही है। गुर्जर अलाव के सहारे ट्रैक पर बैठे हैं। कुछ के लिए रजाई गद्दों की व्यवस्था की गई है। लेकिन, ज्यादातर सिर्फ अलाव के सहारे ही रात गुजार रहे हैं। गुरुवार को ऐसा दिन रहा जब मामले में दोनों तरफ से ही कोई पहल नहीं की गई। इंटरनेट सेवा शुरू करने की कर्नल बैंसला की अपील और आंदोलन खत्म करने की पंच पटेलों की अपील भी बेअसर साबित हुई।

अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था करते आंदोलनकारी।
अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था करते आंदोलनकारी।

वहीं, पूरे मामले पर विजय बैंसला का कहना है कि सरकार प्रशासनिक अफसरों के साथ उनकी मांगें पूरी करने की आदेश की कॉपी भेजे। इससे पहले आंदोलन खत्म नहीं होगा। भले ही हमें ट्रैक पर दिवाली मनानी पड़े।

बैंसला सर्वमान्य नेता, लेकिन विजय का नेतृत्व हमें स्वीकार नहीं- पंच पटेल
इन सबके बीच सरकार से समझौता करने वाले पंच पटेल गुरुवार को एक बार फिर शेरगढ़ गांव में एकत्रित हुए। जिन्होंने कर्नल बैंसला से ट्रैक छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कर्नल बैंसला समाज के सर्वमान्य नेता हैं। लेकिन उनके बेटे विजय बैंसला का नेतृत्व बिल्कुल स्वीकार नहीं है। क्योंकि इस आंदोलन में उससे बड़े कई लोगों ने सक्रिय भूमिका निभाई है।

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