नई दिल्ली। कोरोना की मार झेल रहे पाकिस्तान के पास अब कोई रास्ता नहीं है तो वह कम असरदार वैक्सीन का इस्तेमाल करके अपने देश के लोगों का टीकाकरण करने की स्थिति में आ गया है। बता दें कि पाकिस्तान ने कम एफेशेंसी होने के बावजूद भी तीसरे चीनी वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दे दी है। देश कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है। यहां लगातार हालात खराब होते नजर आ रहे हैं। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ पाकिस्तान (DRAP) ने चीनी कंपनी सिनोवैक बायोटेक द्वारा विकसित कोरोनावैक को इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन (EUA) प्रदान किया गया।
डीआरएपी के एक अधिकारी ने कहा, “यह तीसरा चीनी वैक्सीन है जिसे पाकिस्तान में इस्तेमाल करने की अनुमति है।”
पाकिस्तान में पहले से ही चीन की दो-खुराक वाले सिनोफार्मा और एकल-खुराक कॉनिडीसेकिया वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ब्रिटेन के एस्ट्राजेनेका और रूसी स्पुतनिक 5 के टीके भी डीआरएपी द्वारा अनुमोदित किए गए हैं। अब तक, अधिकांश सरकारी अस्पतालों में साइनोफार्मा के टीके लगाए जा रहे हैं, जबकि अधिकांश निजी क्षेत्र के अस्पताल स्पैननिक शॉट्स दे रहे हैं।
कोरोनावैक वैक्सीन का एफिशेंसी रेट कथित तौर पर कम है, लेकिन सरकार ने इसके आपातकालीन उपयोग की अनुमति देकर टीकाकरण अभियान को व्यापक बनाने का फैसला किया है।
पाकिस्तान में टीकाकरण अभियान 2 फरवरी से शुरू हुआ। हालांकि, अब तक केवल 10 लाख से कुछ अधिक खुराकों को ही लगाया गया है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोनावैक वैक्सीन को इसकी कम एफिशेंसी दर के बावजूद भी आपातकाल इस्तेमाल की मंंजूरी दे दी गई, स्वास्थ्य अधिकारियों ने पाकिस्तान में महामारी की तीसरी लहर का मुकाबला करने को लिए इसे अनुमति दे दी है।
कोरोनावैक वैक्सीन को पहले से ही चीन, तुर्की, इंडोनेशिया, ब्राजील और मध्य पूर्व में इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें कि देश में कोरोनोवायरस के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटों में 5,139 नए मामलों का पता लगाने के साथ, स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब राष्ट्रव्यापी कोरोनवायरस वायरस के मामले देश में 715,968 तक पहुंच चुके हैं।