उज्जैन के कोविड अस्पतालों में सभी बेड फुल; जमीन पर लिटाकर कोरोना संक्रमितों को दिया जा रहा है ऑक्सीजन

उज्जैन। माधवनगर अस्पताल के हाल बद से बदतर स्थिति में है। यहां किसी को कुर्सी पर बैठाकर तो किसी को फर्श पर लेटाकर ऑक्सीजन दी जा रही है। वह भी ओपीडी में। यह हालात तब और ज्यादा चिंताजनक है जब एक दिन पहले ही इस अस्पताल का सरकार के मंत्री मोहन यादव ने दौरा किया हो। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। कोई भी जिम्मेदार इस स्थिति को लेकर जवाब देने को भी तैयार नहीं है।

उज्जैन प्रशासन की पोल खोलते वीडियो में माधव नगर कोविड अस्पताल में बड़ी संख्या में सांस लेने की परेशानी के चलते कई मरीजों को ओपीडी में ही भर्ती कर फर्श पर लेटा दिया गया। उन्हें वहीं पर ऑक्सीजन लगा दी गई। ऐसे एक दो नहीं कुल छह मरीज है, जिनको ऑक्सीजन ओपीडी में दी जा रही है। एक को कुर्सी पर तो चार को फर्श पर लेटा कर ही इलाज किया जा रहा है। अब यह हाल संभाग के माधव नगर अस्पताल में उस वक़्त है जब एक दिन पहले ही उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने यहां का दौरा किया था और सभी सुविधा देने के दावे किए थे। हालांकि इस मामले में तैनात डॉक्टर ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। यह वहीं अस्पताल है जहां ऑक्सीजन की कमी के चलते कुछ मरीजों की मौत हो गई थी। इसके बाद भाजपा-कांग्रेस ने प्रदर्शन भी किया था।

लगातार बढ़ता जा रहा संक्रमण

कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है। उज्जैन में संक्रमितों के सारे आंकड़े ध्वस्त हो गए। बीती रात आए बुलेटिन में 317 कोरोना संक्रमित मरीज मिले। इसके बावजूद भी जिम्मेदार दावे कर रहे हैं कि अस्पतालों में ना तो बेड और ना ही ऑक्सीजन की कमी होने दी जाएगी लेकिन माधव नगर अस्पताल के कोरोना वार्ड सभी फूल हो चुके है। अस्पतालों में कहीं भी जगह नहीं है। ओपीडी में छह मरीजों को भर्ती कर लिया गया जबकि माधव नगर अस्पताल में पहले से ही 135 मरीज भर्ती है।

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ओपीडी में संक्रमितों का इलाज बड़ी लापरवाही

किसी भी अस्पताल का ओपीडी वो जगह होती है जहां बाहर के मरीजों को डॉक्टर देखते है। माधव नगर अस्पताल में भी रोजाना ओपीडी में करीब 200 मरीज सर्दी खांसी के आ रहे है। ऐसे में कुछ कोरोना संक्रमित भी होते है और कुछ नहीं भी। ओपीडी में जिन छह मरीजों को भर्ती किया गया है, उनकी जांच रिपोर्ट अभी आई नहीं है लेकिन वे कोरोना संक्रमित भी हो सकते है। ऐसे में ओपीडी में अपने आप को दिखाने आ रहे मरीजों को खतरा हो सकता है। इस पूरे मामले में अभी तक किसी भी जिम्मेदार अफसर ने बात नहीं की है।

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