उज्जैन, अग्निपथ। हिन्दू नव संवत्सर-2078 के आगमन पर मंगलवार को श्री क्षेत्र पंडा समिति उज्जैनी और महाकाल युवा तीर्थ पुरोहित समिति द्वारा शिप्रा के तट पर प्रात:काल सूर्य देवता को अघ्र्य प्रदान करते हुए मां शिप्रा का अभिषेक पूजन करते हुए कोरोना महामारी से सभी के बचाव की प्रार्थना की गई।
श्री क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष पं. राजेश त्रिवेदी ने बताया कि कोरोना काल को देखते हुए एवं महामारी के बढ़ते प्रभाव के कारण शिप्रा के तट पर नव संवत्सर पर होने वाले सारे कार्यक्रम सूक्ष्म रूप में हुए जो प्रतीकात्मक थे जिसमें भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया गया। पश्चात मां शिप्रा का दुग्ध अभिषेक किया गया। पं. त्रिवेदी ने बताया कि जैसे पिछला संवत्सर- 2077 जिसको की प्रामादी नाम सनातन धर्म संस्कृति की कालगणना ने दिया है। प्रमादी का अर्थ है पागलपन और जैसा नाम वैसा ही पूर्ण वर्ष हमारे देश में और विश्व में गया है।
इसी प्रकार यह वर्ष आनंद नाम संवत्सर का है मतलब हर तरफ खुशी हर तरफ उत्सव हर व्यक्ति प्रसन्न इस वर्ष का राजा और मंत्री दोनों मंगल है इसलिए सनातन धर्म संस्कृति मेंं यह वर्ष आनंद और मंगल के रूप में हमारे बीच में आएगा।
इस अवसर पर पं. राजेश त्रिवेदी, पूर्व पार्षद माया राजेश त्रिवेदी, पं. अखिलेश चौबे, पं. मनीष डिब्बेवाला, पं. उमेश भट्ट, पं. अजय व्यास, पं. संजय त्रिवेदी, प्रदीप मालवीय एवं राजेश दिसावल उपस्थित थे।
राम घाट और विक्रमादित्य टीले पर अवंतिका महाकाल युवा तीर्थ पुरोहित समिति द्वारा नवसंत्सर के आगमन पर सूर्य भगवान को अघ्र्य दिया गया और की गई कि कोरोना महामारी से जल्दी से जल्दी छुटकारा मिले और लोग सामान्य जीवन व्यतीत करें। इस अवसर पर समिति अध्यक्ष अजय जोशी कुंड वाला, आचार्य अजय व्यास, राजेश दिसावर, रितेश त्रिवेदी, उत्तम दुबे, संजय जोशी कुंड वाला, अमृतेश त्रिवेदी, राकेश जोशी, अनिल जोशी, राजेश गुरु सहित समस्त तीर्थ पुरोहित गण मौजूद रहे।
महाकाल मंदिर में ध्वज बदला
नवसंवत्सर-2078 के आगमन पर मंगलवार की सुबह महाकालेश्वर मंदिर का शिखर ध्वज को बदला गया। पुजारी चम्मू गुरु ने बताया कि प्रतिवर्ष नववर्ष प्रतिपदा पर मंदिर का शिखर ध्वज बदलकर नया लगाया जाता है। इस वर्ष भी कोरोना महामारी के उन्मूलन की प्रार्थना के साथ मंदिर का ध्वज बदला गया है।