सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरवर में लगी है ड्यूटी, दो नर्सों का समय बढ़ाया
उज्जैन। कोरोना संक्रमण के दौर को देखते हुए कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध लगा दिया था और जिनको अवकाश दिया गया है, उसको निरस्त करने को कहा गया था। लेकिन सीएमएचओ डॉ. महावीर खंंडेलवान ने एक स्टाफ नर्स का 46 दिन का अर्जित अवकाश स्वीकृत कर लिया और आदेश के बाद इसको निरस्त नहीं किया। अब वहां पर ड्यूटी करने वाली अन्य दो नर्सों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
कोरोना महामारी के इस दौर में स्टाफ नर्सों की काफी आवश्यकता महसूस की जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरवर में पदस्थ स्टाफ नर्स नेहा परमार का सीएमएचओ डॉ. खंडेलवाल द्वारा 46 दिन का अर्जित अवकाश 26 मार्च को स्वीकृत किया गया था। लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए कलेक्टर आशीषसिंह द्वारा 5 अप्रैल को पूर्व में स्वीकृत सभी अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाकर आगामी आदेश तक अवकाश प्रतिबंधित किया गया था।
फिर भी संस्था प्रभारी द्वारा अवकाश दिया जाकर कलेक्टर के आदेश की अवहेलना की जा रही है तथा अन्य 2 नर्सों की 12-12 घंटे की दिन-रात की ड्यूटी लगाई गई है। ज्ञातव्य रहे कि व्यस्तता के चलते डॉ. खंडेलवाल द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ओपीडी के समय ही रहते हैं डॉक्टर
नरवर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारीं डॉ. वीरेन्द्र सिंह, डॉ श्वेता शर्मा और डॉ. दानवी पदस्थ हैं, लेकिन तीनों केवल ओपीडी देखने के समय ही मौजूद रहते हैं। इसके बाद नर्सों के भरोसे केन्द्र को छोडक़र अपने घर चले जाते हैं। जबकि उनको शिफ्ट के अनुसार अपनी ड्यूटी करना चाहिए। केवल नर्सों के भरेासे स्वास्थ्य केन्द्र को चलाया जा रहा है। एक नर्स को तो रात में ड्यूटी करना पड़ती है। ऐसे रामभरोसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन किया जा रहा है।
प्रभारी भी नहीं कर पाए अवकाश कैंसिल
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी डॉ. वीरेन्द्रसिंह भी इस मामले में खामोशी अख्तियार किए हुए हैं। उनके द्वारा समस्या की जानकारी होने के बाद भी स्टाफ नर्स का अवकाश निरस्त करने के लिए सीएमएचओ को भेजना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जाकर डेढ़ माह का अवकाश स्वीकृत कर कलेक्टर के आदेश की अवहेलना की जा रही है।