कोरोना महामारी के दौर में जहां शहर में संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है। वहीं नगर निगम के कर्मी ना तो सफाई की तरफ ध्यान दे पा रहे हैं और ना ही आवारा मवेशियों की तरफ। नगर निगम की सफाई गैंग वार्डों में सुबह आकर 11 बजे तक अपने घर की ओर निकल जाती है और उसके बाद शहर की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे हो जाती है।
इतना ही नहीं शहर के वार्डों में छिडक़ाव के लिये दिया गया सेनिटाइजर तक व्यवस्थित तरीके से नहीं छींटा जाकर अपने परिचितों के यहां छिडक़ कर इतिश्री कर ली जाती है। अभी जबकि लाकडाउन चल रहा है ऐसे में नगर निगम की सफाई गैंग को बड़े नालों की सफाई का काम कर देना चाहिये। ताकि बारिश के मौसम में जल जमाव की स्थिति निर्मित ना हो।
लेकिन ना तो सफाई की तरफ ध्यान दिया जा रहा है और ना ही संक्रमण की रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों की तरफ ध्यान जा रहा है। निगम आयुक्त को प्रात: किसी भी अधीनस्थ को वार्डों की तरफ पहुंचाकर यह दिखवाना चाहिए कि संक्रमण की रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों में कितनी सफलता मिल रही है। क्योंकि नगर निगम के प्रयासों को पलीता निगम के कर्मचारी ही लगाने पर आमदा है। जिसमें कुछ जनप्रतिनिधियों का भी हाथ है।