आरडी गार्डी अस्पताल ने टेके हाथ: गंभीर मरीज भर्ती करने से किया इंकार

प्रशासन के अधिकारी कर रहे डॉक्टरों से अभद्रता, ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा अस्पताल

उज्जैन, अग्निपथ। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में नए कोविड मरीजों को भर्ती करने से हाथ खींच लिए हैं। आक्सीजन की आपूर्ति पूरी नहीं होने और जिला प्रशासन के अधिकारियों की अभद्रता के कारण अस्पताल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। शुक्रवार की सुबह अस्पताल में इस बाबद सूचना बोर्ड लगा दिया गया है।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 188 मरीज भर्ती हैं। इनमें से उज्जैन शहर के 155 और दूसरे जिलों के 33 मरीज भर्ती हैं। क्रिटिकल आईसीयू में 21, आईसीयू में 21, एचडीयू में 80 मरीज और जनरल वार्ड में 27 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। हास्पीटल में अब आक्सीजन बेड नहीं होने से मरीजों को यहां पर भर्ती नहीं किया जा रहा।

ऐसे ही हाल शहर के सभी प्रायवेट हास्पीटलों के हैं। यहां पर भी नए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा। शुक्रवार की सुबह यहां पर मरीजों के भरे जाने और आक्सीजन बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने सूचना चस्पा कर दी है। सूचना में लिखा गया है कि – सभी वेेंटीलेटर, बाईपैप मशीन, हाईफ्लो बेड और आक्सीजन बेड भरे हुए हैं। अत: गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकता। नाम प्रतीक्षा सूची में डलवा सकते हैं। कोविड से संबंधित जानकारी के लिए मोबाइल नंबर-9301109488 दिया हुआ है। मरीज के अटेंडर जानकारी ले सकते हैं।

अधिकारी बना रहे दबाव

जानकारी में आया है कि जिला प्रशासन के नायब तहसीलदार, तहसीलदार स्तर के अधिकारी यहां के डॉक्टरों पर जबरन दबाव बनाकर अभद्रता कर रहे हैं। प्रतिदिन अस्पताल के डॉक्टरों को गंभीर मरीजों को भर्ती करने का दबाव बनाया जा रहा है। इधर अस्पताल प्रशासन की यह मजबूरी है कि बिना ऑक्सीजन की पूर्ण आपूर्ति के गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं कर सकता। जो आक्सीजन जितने बेडों पर चल रही है, उसकी आपूर्ति पूरी करने में ही प्रबंधन को परेशानी आ रही है क्योंकि जिला प्रशासन की ओर से आक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ऐसे में अधिकारियों और डॉक्टरों के बीच विवाद हो रहे हैं। यह भी एक कारण है कि आक्सीजन की आपूर्ति पूर्णत: नहीं होने से अस्पताल प्रबंधन गंभीर मरीजों को भर्ती करने से बच रहा है और उसको सूचना बोर्ड लगाना पड़ा।

इनका कहना है

सभी वेेंटीलेटर, बाईपैप मशीन, हाईफ्लो बेड और आक्सीजन बेड भरे हुए हैं। अत: गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकता। हास्पीटल प्रबंधन की ओर से सूचना चस्पा कर दी गई है। आक्सीजन की समस्या लगातार बनी हुई है। -डॉ. सुधाकर वैद्य, कोविड नोडल अधिकारी, मेडिकल कॉलेज

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