मृतक के परिजन गिरफ्तार, पुलिस पर हमला करने वालों पर केस तक नहीं

आरडीगार्डी विवाद : डाक्टर्स के काम बंद करने की धमकी पर प्रशासन झुका

उज्जैन,अग्निपथ। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में हुए हंगामा का खामियाजा गलती नहीं होने पर भी मृतक के परिवार को भुगतना पड़ा। चिमनगंज पुलिस ने डाक्टर्स से मारपीट का केस दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। खास बात यह है कि विवाद के दौरान स्टॉफ कर्मियों ने आरक्षक का सिर फोड़ दिया था, लेकिन डाक्टर्स के काम बंद करने की धमकी के कारण पुलिस उन पर केस तक दर्ज नहीं कर सकी।

मेट्रो टॉकीज गली निवासी बंशीलाल खंडेलवाल को कोरोना संक्रमित होने के कारण आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। उनकी मौत होने पर शनिवार दोपहर परिजन कॉलेज पहुंचे थे। यहां शव के सर से खून निकलता देख परिजनों ने शंका जाहिर की थी। शव दिखाने की मांग पर ट्रेनी डाक्टर व कर्मचारियों ने उन्हें घेर कर पीट दिया था। हंगामा होने पर पुलिस पहुंची तो कर्मचारियों ने उन पर भी हमला कर आरक्षक आशुतोष नागर का सिर फोड़ दिया था।

पुलिस बमुश्किल मृतकों के परिजनों को कॉलेज से निकाल पाई थी। पीडि़त डाक्टर्स पर केस दर्ज करना चाहते थे, लेकिन उल्टे उन पर कार्रवाई हो गई। पुलिस ने डाक्टर की रिपोर्ट पर मृतक के भाई बालकृष्ण, प्रदीप व भतीजे विनित खंडेलवाल पर 323, 294, 506,188 व डाक्टर प्रोटेक्शन एक्ट का केस दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि जमानतीय जुर्म होने पर तीनों को रिहा कर दिया।

दबाव में आया प्रशासन

पुलिस अधिकारियों की माने तो पीडि़त परिवार से मारपीट और आरक्षक के घायल होने पर डाक्टर, कर्मचारियों पर केस दर्ज करना चाहते थे। सीसीटीवी कैमरे से हमलावरों की शिनाख्त भी हो जाती, लेकिन कर्मचारियों ने रविवार से काम बंद की धमकी दे दी। हड़ताल से कोरोना मरीजों के इलाज पर असर पड़ता यही वजह है कि कर्मचारियों की गलती स्पष्ट होने के बाद भी प्रशासन को फिलहाल झुकना पड़ा।

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