प्रतिदिन मावे का श्रृंगार करने को पुजारी विवश, पिछले लॉकडाउन में तत्कालीन कलेक्टर ने कराई थी व्यवस्था
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन संध्या के समय भगवान महाकाल का भांग श्रृंगार किया जाता है। लॉकडाउन के चलते भांग की उपलब्धता नहीं होने के कारण पुजारीगण भांग श्रृंगार नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में प्रतिदिन कहीं से मावे की व्यवस्था कर श्रृंगार की परिपाटी निभाई जा रही है। पिछले साल तत्कालीन कलेक्टर ने लॉकडाउन के दौरान आबकारी विभाग के माध्यम से भांग की व्यवस्था की थी। लेकिन इस बार अभी तक ऐसा कोई प्रयास प्रशासन ने इस बार नहीं किया।
भगवान महाकाल का भांग श्रृंगार पुजारी पुरोहित गणों के यजमानों द्वारा कराया जाता है और यजमान उपलब्ध न होने की दशा में भी इसको किया जाता है। भगवान महाकाल का श्रृंगार फोटो और वीडियो देश सहित विदेश में बैठे उनके भक्तों तक भी पहुंचता है। कई श्रद्धालुओं की सुबह और शाम तो भगवान महाकाल के दर्शन के बाद ही होती है। ऐसे में प्रतिदिन होने वाला भांग श्रृंगार लॉकडाउन के चलते रुक गया है। पुजारी-पुरोहितगण भांग की दुकान बंद होने के कारण भांग का श्रृंगार नहीं कर पा रहे हैं।
करीब एक सप्ताह से अधिक समय से भगवान महाकाल का भांग श्रृंगार नहीं हो पा रहा है। ऐसे में पुजारी-पुरोहितगणों के साथ-साथ श्रद्धालुओं में भी आक्रोश है। 21 अप्रैल से जनता कफ्र्यू लागू कर दिया गया था और जिला प्रशासन द्वारा टोटल लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी। ऐसे में शहर में स्थित भांग घोटे भी बंद हो गए थे। पुजारी पुरोहितगणों को भांग नहीं मिल पा रही है।
मजबूरी में मावे से श्रृंगार
प्रतिदिन संध्या श्रृंगार में भांग उपलब्ध नहीं होने के कारण पुजारी-पुरोहितगण इसकी जगह कहीं से मावे की व्यवस्था कर रहे हैं और श्रृंगार की परिपाटी निभा रहे हैं। मावा भी उनको जुगाड़ से लाना पड़ रहा है क्योंकि शहर की सभी मावा दुकानें बंद हैं। किसी तरह से व्यवस्था कर श्रृंगार किया जा रहा है। मावे की भी भगवान को पतली परत चढ़ाई जा रही है क्योंकि यह अधिक मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
आबकारी विभाग ने की थी व्यवस्था
पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान भी भांग श्रृंगार काफी दिनों तक नहीं हो पाया था। पुजारी पुरोहितगणों ने इसकी शिकायत पूर्व कलेक्टर शशांक मिश्र को की थी। उन्होंने परंपरा का ध्यान रखते हुए आबकारी विभाग को भांग उपलब्ध कराने को कहा था। इस पर अमल किया गया और विभाग द्वारा भांग घोटा संचालक को इसकी व्यवस्था करने को कहा गया था। उनके द्वारा प्रतिदिन भगवान महाकाल के भांग श्रृंगार के लिए व्यवस्था की जाती रही थी। कलेक्टर आशीषसिंह यदि इस पर संज्ञान लें तो फिर से भांग श्रृुंगार शुरू हो सकता है।