कोरोना महामारी के बीच शहरवासी एक और जटिल परेशानी से जूझ रहे हैैं। वह है मच्छर। मच्छरों की भरमार शहर के हर हिस्से में है। खासकर घनी बस्तियों में तो शाम होते ही मच्छरों के झुंड के झुंड आक्रमण कर देते हैं। शाम 5-6 बजे से मच्छरों का प्रकोप शुरू होता है जो देर रात तक जारी रहता है।
मच्छरों के कारण मलेरिया व अन्य बीमारियां भी हो रही हैं, लेकिन महामारी के कारण इन बीमारियों से पीडि़त लोगों का इलाज भी नहीं हो पा रहा है और यह जानलेवा साबित हो रहा है। दूूसरी ओर नगर निगम अपने प्रेस नोट में दावे कर रहा है कि शहर में फागिंग (हवा में कीटनाशक धुआं उड़ाना) का काम जोरों पर है। इसके फोटो भी दिए जा रहे हैं। लेकिन हमारा दावा है कि यह सिर्फ दिखावा है।
अगर यह काम ईमानदारी से किया जा रहा होता तो, अभी तक पूरे शहर की हर-एक गली में चार-पांच बार फागिंग हो चुकी होती और मच्छरों का प्रकोप भी कंट्रोल में आ गया होता। कोरोना महामारी में नगर निगम ने पिछले साल भी खूब चांदी काटी। इस बार भी यही हालात बन रहे हैं। चाहे होम डिलेवरी के पास हो या फिर सेनिटाइजेशन हो या फिर फागिंग। कार्य के प्रति ईमानदारी और जबावदेही किसी में नहीं बरती जा रही।