खाचरौद, अग्निपथ। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में जिस कदर तांडव मचा रखा है उससे हर शहर के सभी अस्पताल मरीजों से खचाखच भरा गये है। यह देख आमजन के मन में भय का वातावरण बन गया है, वहीं इस महामारी से आमजन को बचाने के लिए प्रशासन ने जिले में जनता कर्फ्यू लगा रखा है।
इन सबके बीच नपा अधिकारी व कर्मचारियों की कार्यशैली बहुत ही चिंता व नगर में चर्चा का विषय बनी हुई है। जिसने सभी मानवता को तार-तार किया है। जिससे आमजन ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र से आए ग्रामीण भी बेहद परेशान होने के साथ ही इन्हें कोसते नजर आ रहे है, ऐसा नहीं है कि व्यापारीय शासन की गाईड लाइन का पालन नहीं कर रहे है, वहीं नगरवासी भी शासन की गाईइ लाइन का पालन कर रहे है, परंतु नपा के कुछ अदने कर्मचारी अपने आप को कलेक्टर से कम नहीं समक्ष रहे है व आमजन व व्यापारी के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे है, जैसे वह कोई चरस, गांजा बेच रहे हो, जब होम डिलेवरी के लिए प्रशासन ने पास जारी किये है तो वह सामान पैक करने के लिए दुकानें तो खोलेगा ही, जब ही होम डिलेवरी हो पाएगी। परंतु नपा के अदने कर्मचारी उस दुकानदार पर ऐसे भडक़ते है जैसे उसने दुकान का थोड़ा शटर ऊंचा कर कोई गुनाह कर दिया हो व उसे इतना जलील करने के बाद 5 हजार का चालान बना देते है, जबकि नगर में चाय, पान व ओर भी कई दुकानें नपा के कर्मचारियों के संरक्षण में चल रही है व भरे चौराहे पर यह चाय बनवा कर पीते नजर आते है।
कुछ कर्मचारियों ने मानवता रखी ताक में
ऐसी विषम परिस्थितियों व संकट की घड़ी में कई ऐसे मजबूर ग्रामीण जिनके यहाँ शादि समारोह है या गमी हो गई हो तो उनका बाजार में समान लेने आना उनकी मजबूरी है, ऐसे ग्रामीणों को नपा कर्मचारियों द्वारा बेइज्जत कर उनके हाथों में पकड़ी थैलियों को जबरन खुलवाया जाकर उनसे पूछा जाता है किस दुकानदार ने सामान दिया, नहीं बताने पर उसे पुलिस बुलवाने की धमकी तक दी जा रही है।
नपा के ये अदने कर्मचारी ऐसा समझते है जैसे ग्रामीण कोई चोरी का सामान ले जा रहा हो। नपा के नोसिखिये वअदने कर्मचारी राह चलते ग्रामीणों को रोक कर उनका थेला चेक करने लगते है, यह केसी कोरोना गाईइ लाइन है। ये कर्मचारी तहसीलदार का डर दिखाकर ब्लैक मेल करने से भी नहीं चुक रहे है।
स्थानीय प्रशासन की हो रही आलोचना
: कोरोना गाईइ लाईन का हवाला देकर अदने कर्मचारियों ने जिस तरह से नगर मे आंतक मचा रखा है उससे नपा व स्थानीय प्रशासन की नगर में काफी आलोचना हो रही है। आमजनों का कहना है कि अगर इनका इसी तरह आंतक मचा रहा तो नगर में कभी भी विवाद कि स्थिति बन सकती है। वहीं उच्च अधिकारियों को चाहिए कि वे नौसीखिये कर्मचारियों पर लगाम लगाये।