जनवरी-फरवरी महीने में शहर के हर वार्ड में १०-१२ भावी पार्षद घूम रहे थे, जो वार्ड के घर-घर चक्कर मारकर सेवा का अवसर देने का करबद्ध निवेदन कर रहे थे। ईश्वर ने उन्हें सेवा का मौका दिया है। अब निकलिए घर से बाहर, हर घर को आपकी सेवा की दरकार है। राजनीति छोडि़ए और मन से सेवा कीजिए।
इन दिनों हालात यह है कि हर चार-छह घर छोडक़र एक-दो मरीज मिल जाएंगे। जरूरी नहीं कि वे कोविड के हों, लेकिन बीमारी घर-घर पहुंच गई है। लोग परेशान हैं कि इलाज कहां कराएं। सरकार अस्पताल फुल हैं, निजी में जाने की हैसियत नहीं।
बीमारों को इलाज के साथ-साथ दवाइयां, जरूरतमंदों को भोजन-राशन की जरूरत है। लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। काम-धंधा बंद होने से घर में निराश बैठे लोगों के हौंसला-अफजाई की जरूरत है। आपदा को अवसर मानकर ब्लैकमार्केटिंग और ओवररेट वसूल रहे व्यापारियों से जनता को बचाने की जरूरत है।
ऐसे कई सेवा के अवसर अब उन लोगों के सामने मौजूद हैं जो आगामी दिनों में पार्षद-महापौर बनकर जनता की सेवा करना चाहते हैं। इन दिनों दिल से जनता का साथ दिया तो आगे भी जनता उनके साथ खड़ी रहेगी।