उज्जैन। कोरोना मरीजों के इलाज के लिए माधवनगर अस्पताल में जानकार डॉक्टरों की बजाय मेडिकल स्टूडेंटों की ड्यूटी लगा दी गई है। इन स्टूडेंटों को डॉक्टर इंचार्ज बनाकर बैठा दिया, ये गंभीर मरीजों की देखभाल कैसे करेंगे। कई बार 5 से 8 मिनिट होते हैं जिसमें गंभीर मरीज को मैनेज कर सकते हैं ऐसे में यदि उचित चिकित्सक नहीं होगा तो स्टूडेंटों के भरोसे तो मरीज मर जाएगा।
यह आरोप मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता नूरी खान ने लगाया है। बुधवार 28 को शहर कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा में नूरी खान ने बताया कि दो दिन पूर्व फोन पर स्टूडेंटों ने उन्हें यह शिकायत की थी कि हमारी इंटर्न आयुर्वेदिक चल रही है, 1 साल की इंटर्न में 6 महीने की आयुर्वेदिक तथा 6 महीने की ऐलोपैथिक होती है। यह भी कंपलीट नहीं हुई वर्तमान में आयुर्वेदिक चल रही है फिर भी हमारी ड्यूटी कोविड वार्ड में माधवनगर में ड्यूटी लगा दी गई। गंभीर मरीजों को हम कैसे संभालेंगे।
सरकार की नाकामी छुपाने में लगे भाजपाई और नुमाइंदे
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नूरी खान ने कहा कि भाजपा सरकार और उसके नुमाइंदे कोरोना महामारी के इस नाज़ुक दौर में भी अपनी नाकामी छुपाने के लिए साजि़शों पर उतर आए हैं। शहर में अस्पतालों में बेड और ऑक्सिजन की बेहद कमी है, शहर में त्राही-त्राही है दूसरी तरफ भाजपा ओछी राजनीति कर रही है। जब सरकार को कोरोना से निपटने के लिए संसाधन जुटाने के लिए पूरे एक साल का समय मिला था तो इसके लिए सरकार उपाय क्यों नहीं कर पाई और आवश्यक संसाधन भी नहीं जुटाए गए। शहर में 50 से 60 मौते हो रहीं हैं लेकिन सरकारी आंकड़ा कुछ और कहता है और श्मशान-कब्रिस्तान कुछ और स्थिति बयान करते हैं।
शहर में ऑक्सीजन की कमी, दूसरे शहरों में क्यों भेज रहे…?
कांग्रेस नेत्री ने आरोप लगाया कि शहर में ऑक्सीजन के लिए भी त्राही त्राही मची हुई है। लोग बदहवास होकर अपने बीमार परिजनों के लिए ऑक्सीजन की तलाश में भटक रहे हैं। यहां की दूसरे शहरों को भेजी जा रही हैं। ऑक्सीजन को लेकर हो रही अव्यवस्था का माजरा देखने के बाद दो दिन पूर्व मैं जब तपोभूमि स्थित ऑक्सीजन प्लांट पर गई तो मैंने पाया कि 20 टन ऑक्सीजन आई है लेकिन ऑक्सीजन बाहर भी भेजी जा रही थी।
अपने पर लगे आरोपों का दिया जवाब
- वहां जाने का मेरा मकसद सिर्फ इतना था कि पहले शहर की आपूर्ति की जाए। इस घटना के बाद मंत्रीजी का बयान आया कि 20 टन ऑक्सीजन में से 12 टन भोपाल भी भेजी गई। मेरा कहना यह है कि अगर आप संभागीय आपूर्ति की जिम्मेदारी की बात करते हैं तो इस बात का जवाब दीजिए कि क्या भोपाल भी उज्जैन संभाग में आता है।
- मैंने वहां यह अनुरोध किया था कि शहर में पर्याप्त आपूर्ति की जाए साथ ही छोटे सिलेंडर-बड़े सिलेंडर सभी भरे जाएं। लेकिन अपनी असफलता को छुपाने के लिए भाजपा सरकार ने द्वेषतापूर्वक प्रेस रिलिज कर कहा है कि मेरी वजह से बाहर भेजी जा रही ऑक्सीजन दो घंटा लेट पहुंची।
- इस आरोप में यदि जऱा भी सच्चाई है तो सरकार सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से यह साबित करे कि मैने 2 मिनट से ज्यादा उस गाड़ी को रोका जो ऑक्सीजन लेकर जा रही थी। सरकार के इरादों से साजि़श की बू इसलिए भी आ रही है कि उक्त घटना के दो दिन बीत जाने के बाद सरकार के नुमाइंदों को प्रेस रिलिज़ करके झूठा आरोप लगाना पड़ा कि मेरे द्वारा ऑक्सीजन की गाड़ी को रोके जाने से ऑक्सीजन पहुंचने में दो घंटे की देरी हुई।
- बीते दिनों जब मैं माधवनगर हॉस्पिटल गई थी तो वहां के लापरवाही वाले मंजऱ से मुझे बहुत तकलीफ हुई। अव्यवस्थाओं को लेकर मेरी निगमायुक्त क्षितिज सिंघल से कुछ बहस हुई ना कि किसी डॉक्टर से मैंने दुव्यर्वहार किया लेकिन प्रचारित यह किया गया कि मैंने दुव्यर्वहार किया है।
पत्रकार वार्ता के दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी, पूर्व विधायक बटुक शंकर जोशी, युवा कांग्रेस अध्यक्ष भरत शंकर जोशी भी मौजूद थे।