कोरोना संक्रमण काल में लालफीता शाही इस कदर हावी हो रही है कि सवाल उठाने वालों की आवाज मुकदमे लाद कर दबाई जा रही है।
पिछले दिनों आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में कोरोना से मृत मरीज की लाश से खून बहने का सवाल उठाने पर मृतक के परिजनों को न सिर्फ पीटा गया, बल्कि उन पर मुकदमा भी दर्ज किया गया, जबकि आरक्षक का सिर फोडऩे वाले मेडिकल कॉलेज के गुण्डों पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
दूसरी घटना शुक्रवार को हुई। जमीन पर पड़े मरीजों का कवरेज कर रहे पत्रकार की आवाज दबाने के लिए डॉक्टर की शिकायत पर शासकीय कार्य में बाधा का मुकदमा लाद दिया गया। डॉक्टर साहब पहले शासकीय कार्य तो ठीक से करिए, अगर आप ठीक से काम करेंगे तो मजाल है कोई उसमें बाधा बने। आपने ठीक से काम नहीं किया इसी कारण तो मीडिया को आइना दिखाना पड़ा।
मीडिया का आइना दिखाना बड़े साहब को भी अच्छा नहीं लगा। बुरा मानकर उन्होंने फरमान जारी कर दिया कोविड वार्ड में अब अधिकारी, मरीज और ड्यूटीरत स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा अन्य कोई नहीं जा सकेगा, अन्यथा हमारे पास कानून का डंडा है। बुरा मत मानिए साहब, अपनी गिरेबां में झांकिएं तो बेहतर होगा।