निजी अस्पताल का कर्मचारी पति भी कर रहा था सहयोग, तहसीलदार ने छापा मारा
उज्जैन,अग्निपथ। तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कुछ लोगों ने कमाई का जरिया बना लिया है। ऐसा ही एक मामला रविवार को ऋषिनगर में सामने आया। यहां जिला अस्पताल की एएनएम व निजी हॉस्पीटल में कार्यरत पति घर में कोरोना का अस्पताल चला रहे थे। सूचना पर तहसीलदार अभिषेक शर्मा ने छापा मारा और मरीज मिलने पर पंचनामा बना दिया।
वार्ड 50 स्थित ऋषिनगर के एफ-48 निवासी रविंद्रसिंह फ्रीगंज के निजी हॉस्पीटल में कार्यरत है। पत्नी मनीषा जिला अस्पताल में एएनएम है और वैक्सीनेशन का कार्य कर रही है। दोनों करीब पांच दिन से घर में कोरोना संक्रमितों को ईलाज कर रहे थे। शिकायत मिलने पर रविवार दोपहर तहसीलदार अभिषेक शर्मा रविंद के घर पहुंचे। यहां सेठीनगर निवासी कोरोना संक्रमित प्रेमकुंवरबाई का इलाज होता देख पंचनामा बनाया और पीडि़त को अस्पताल पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने दंपति पर धारा 188 में केस दर्ज करने का भी कहा है।
सर्वविदित है ऋषिनगर कोरोना का हॉट स्पॉट बना हुआ है। बावजूद लापरवाही से घर में इलाज बड़ी घटना का कारण बन सकता था। हालांकि रविंद्र मरीज को रिश्तेदार बता रहे थे, लेकिन प्रशासन को सूचना नहीं देने का कारण नहीं बता पाए।
पड़ोसी ने दिखाई जागरुकता
रंविद्र के घर रात-दिन एंबुलेंस के आने और ऑक्सीजन सिलेंडरों के लगातार लाने से कोरोना संक्रमितों के घर में इलाज का पता पड़ोसियों को चला। संक्रमण फैलने की आशंका के चलते पड़ोसी रॉबिनसिंह ने एडीएम को शिकायत की। नतीजतन तहसीलदार शर्मा ने छापा मारा। खास बात यह रही कि कार्रवाई के दौरान दो जंबो सिलेंडर ऑटो में लाए गए, जिसके बाद रविंद्र की सफाई भी बेमानी हो गई।
इन्होंने कहा
प्रशासन को सूचना दिए बगैर घर में कोरोना संक्रमित के इलाज की सूचना पर कार्रवाई की है। जिनके घर में इलाज किया जा रहा था वह निजी अस्पताल में कर्मचारी है और महिला कोविड टीकाकरण में कार्यरत है। -अभिषेक शर्मा,तहसीलदार