निगम कमिश्नर ने प्लांट संचालकों की बैठक ली, दिया जाएगा बिल, नाम-पता भी होगा नोट
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में स्थित आक्सीजन प्लांटों पर लोगों को दिए जा रहे जंबो आक्सीजन सिलेंडर के बिल नहीं दिए जा रहे हैं और नाम पते भी लोगों के नोट नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में इसकी कालाबाजारी होने का अंदेशा बना हुआ है। हाल ही में ऋषिनगर में घर में चल रहे अवैध कोविड सेंटर में पकड़ाए आक्सीजन सिलेंडर भी इसकी ही एक कड़ी नजर आ रहे हैं। जानकारी में आया है कि निगम कमिश्नर ने इसी समस्या को दूर करने के लिए रविवार को सभी प्लांट संचालकों की बैठक ली।
कोरोना महामारी के इस दौर में इंदौर के आदर्श आक्सीजन प्लांट, राघौपिपलिया स्थित आक्सीजन प्लांट और ताजपुर स्थित आक्सीजन प्लांट से अपने मरीज के लिए लोग आक्सीजन सिलेंडर भरवा कर ले जा रहे हैं। शहर के लोग राघौ पिपलिया और ताजपुर प्लांट से आक्सीजन के सिलेंडर भरवा रहे हैं। इनमें 2.5 किलो, 5 किलो, 10 किलो, 40 किलो (जंबो सिलेंडर) और ड्यूरा सिलेंडर प्लांट द्वारा भरे जा रहे हैं।
शहर के लोग अपने मरीजों के लिए जंबो सिलेंडर तक की रिफिलिंग करवा रहे हैं। लेकिन राघौ पिपलिया और ताजपुर के प्लांट संचालकों द्वारा जंबो सिलेंडर तक की आक्सीजन रिफिलिंग का बिल लोगों को नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में किस सिलेंडर में कितनी आक्सीजन रिफिलिंग की गई है, इसकी कोई ग्यारंटी नहीं है। क्योंकि इसके साथ किसी भी प्रकार का कोई बिल नहीं दिया जा रहा है।
बनिस्पत इसके इंदौर से शहर को आक्सीजन सप्लाय करने वाले प्लांट द्वारा लोगों को जंबो सिलेंडर की रिफिलिंग करवाने पर बिल दिया जा रहा है। ऐसे में लोग ठगा रहे हैं और बिना बिल के आक्सीजन सिलेंडर ले जा रहे हैं। हाल ही में ऋषि नगर में पकड़ाए जंबो सिलेंडर की रिफिलिंग किस प्लांट से हुई है और किसने इनको प्रदाय किया। यह आसानी से पता चल जाता यदि प्लांट से बिल जारी किया जाता।
बिल, नाम-पता नोट किया जाए
जानकारी में आया है कि निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल ने प्लांट संचालकों की एक बैठक रविवार को 11 बजे की थी। इसमें जंबो सिलेंडर में रिफिलिंग करवाने वाले लोगों को बिल देने और उनके नाम पते नोट करने के बारे में विचार विमर्श किया गया था। बिल देने और नाम पता नोट किए जाने से इन सिलेंडरों की कालाबाजारी को रोका जा सकता है। मामले में निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
आक्सीजन के भाव में उतार-चढ़ाव
जानकारी में आया है कि प्रतिदिन आक्सीजन के भाव में उतार चढ़ाव होता रहता है। तीन दिन पहले जंबो आक्सीजन सिलेंडर रिफिलिंग का भाव 600 रुपए से बढ़ाकर 700 कर दिया गया था। वहीं रविवार को इसका भाव 500 रुपए कर दिया गया। जानकारी में आया है कि प्लांटों तक गुजरात से आक्सीजन पहुंचती है। इनके चालकों द्वारा भाव में घटा बढ़ी की जाती है। प्लांट संचालकों को मजबूरी में आक्सीजन लेना पड़ती है। अधिकारियों का भी इस ओर कम ध्यान है।
मन में आया तो भरा, नहीं तो जाओ
शहर में स्थित दोनों आक्सीजन प्लांटों पर लोगों की सुबह से ही भीड़ जमा हो जाती है जोकि अपने साथ लाए हुए आक्सीजन सिलेंडर की रिफिलिंग करवाने के लिए एकत्रित होते हैं। प्लांटों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों द्वारा किसी व्यक्ति के सिलेंडर की रिफिलिंग कर दी जाती है तो किसी को मना कर दिया जाता। सभी लोगों के साथ एक जैसा व्यवहार प्लांट कर्मचारियों द्वारा नहीं किया जा रहा। लोग रोते हैं और गिड़गिड़ाते हैं। लेकिन इन कर्मचारियों पर इसका कोई असर नहीं होता है।