कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आ चुके हैं और ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी की सभी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए भारी जीत हासिल की है। हालांकि, चुनाव के परिणाम आने के बाद राज्य में हिंसा का दौर शुरू हो गया, जिसके लिए भगवा दल ने तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले में तृणमूल और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुए टकराव में कथित तौर पर चार लोगों की मौत हो गई है। इससे पहले राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा था कि चुनाव बाद हिंसा की घटनाओं में नौ लोगों की जान जा चुकी है।
झड़प में चार लोगों की मौत
पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम की घोषणा के एक दिन बाद पुरबा बर्धमान जिले में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच हुई झड़प में कथित तौर पर चार लोगों की मौत हो गई। तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा मारे गए तीन लोग उसके समर्थक थे जबकि भाजपा ने आरोपों को खारिज किया। भाजपा ने कहा कि यह घटना लोगों की प्रतिक्रिया का नतीजा थी।
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के कुछ समर्थक मोटरसाइकिल पर सवार होकर जमालपुर पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले नबाग्राम की ओर जा रहे थे। उन्होंने बताया कि इसी दौरान ओडिशापारा इलाके में उन पर कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया।
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि सभी घायलों को अलग-अलग अस्पताल ले जाया गया, जहां शाहजहां शाह, विभाष बाग और काकाली क्षेत्रपाल को मृत घोषित किया गया। पुलिस ने कहा कि इस घटना के संबंध में 23 लोगों को हिरासत में लिया गया है और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। एक अन्य घटना में रायना पुलिस थाना क्षेत्र में रविवार रात टीएमसी-भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच समसपुर में हुई झड़प में 55 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई।
विजयवर्गीय बोले- हिंसा टीएमसी द्वारा प्रायोजित
दूसरी ओर, बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इन हमलों को ममता बनर्जी की ओर से प्रायोजित हिंसा करार दिया है। विजयवर्गीय ने आरोप लगाया है कि चुनाव परिणाम आने के बाद करीब 700 गांवों में हिंसा हुई है और दुष्कर्म व हत्या की घटनाएं हुई हैं। उधर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा चार मई को बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे। यहां वह हिंसा पीड़ित पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी करेंगे। पार्टी ने इसे लेकर तृणमूल को जिम्मेदार ठहराया है और पांच अप्रैल को चुनाव बाद हिंसा की घटनाओं को लेकर राष्ट्रव्यापी धरना प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
एबीवीपी कार्यालय पर हमले का आरोप
वहीं, भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी (एबीवीपी) ने सोमवार को कहा कि आज ममता बनर्जी के करीब 15 से 20 टीएमसी के गुंडों ने हमला किया और एबीवीपी के कोलकाता कार्यालय में तोड़फोड़ की। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि इस दौरान टीएमसी के गुंडों ने कार्यकर्ताओं पर हमला किया और उनके साथ मारपीट भी की। एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करने के बाद टीएमसी के गुंडों ने हनुमान जी और मां काली की प्रतिमा भी तहस-नहस कर दी।
गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
हिंसा को लेकर भाजपा नेता ने इस ट्वीट के साथ हिंसा की घटनाओं से संबंधित एक वीडियो भी साझा किया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी पश्चिम बंगाल सरकार से विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए हिंसा की घटनाओं पर रिपोर्ट मांगी है।
भाजपा महासचिव (संगठन) बी एल संतोष ने ट्वीट किया, ममता बनर्जी सुन लीजिए। राज्य के लोगों ने आपको जनादेश दिया और उनकी रक्षा करना आपका कर्तव्य है। लेकिन आप कभी ममता रखने वाली मुख्यमंत्री नहीं रहीं। इस बार हम अपने 18 सांसदों और 77 विधायकों के साथ आपका जोरदार मुकाबला करेंगे।
राज्यपाल का ट्वीट
इसे लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक ट्वीट में कहा, राज्य के कई हिस्सों से हिंसा और हत्याओं की रिपोर्ट्स को लेकर चिंतित हूं। पार्टी कार्यालयों, घरों और दुकारों पर हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल के गृह विभाग, बंगाल पुलिस और कोलकाता पुलिस के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तुरंत कार्रवाई के लिए कहा है। वहीं गृह मंत्रालय ने भी हिंसा को लेकर रिपोर्ट मांगी है।
एक अन्य ट्वीट में राज्यपाल ने कहा कि चुनाव बाद हिंसा में नौ लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस तरह की राजनीतिक हिंसा और अव्यवस्था को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। राज्य के डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर राज्यपाल के समन पर पेश हुए। राज्यपाल ने उनसे कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा।
बता दें कि चुनावी नतीजे आने के बीच ही रविवार को राज्य के कई हिस्सों से हिंसा की घटनाएं सामने आने लगी थीं। इसके मद्देनजर ममता बनर्जी ने अपने कार्यकर्ताओं से राज्य में शांति बनाए रखने की अपील की थी।