लॉकडाउन में शादी का नया ट्रेंड, सुरक्षा के साथ बचत भी

19 परिजनों के बीच लिए फेरे, बचे रुपयों की एफडी दुल्हा-दुल्हन को भेंट की

उज्जैन। कोरोना काल में शादी का एक नया ट्रेंड देखने को मिला। गाइड लाइन के कारण उज्जैन में कुल मिलाकर 19 लोग मौजूद रहे। दूल्हा पुणे से कार चलाकर अपने भैया-भाभी के साथ उज्जैन पहुंचा और फेरे लेने के बाद लौट गया। कन्या पक्ष ने शादी में होने वाला खर्च बच जाने पर एफडी (फिक्स डिपॉजिट) बनाकर दे दी। नए जोड़े की जीवन की शुरुआत बचत की रस्म से हुई।

कोरोना काल में जहां प्रशासन ने शादियों में भीड़ इक्कठी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है वहीं कई लोग अभी भी नहीं मान रहे है। भीड़ बुलाकर शादी की जा रही है और इसके लिए अफसर लगातार निगरानी कर रहे हैं। इस बीच उज्जैन में रविवार को एक ऐसी शादी हुई जो न केवल परिवार बल्कि समाज के लिए भी सकारात्मक संदेश देगी।

उज्जैन फ्रीगंज निवासी डॉ चिंतामणि राठौर की बेटी अदिति की सगाई पुणे निवासी तेजस से तय की गई थी। लॉकडाउन लगने के पहले शादी की तारीख तय हो गई थी। तैयारी पूरी थी और कोरोना संक्रमण के कारण जिस तरह से मौतों का आंकड़ा बड़ा उसको देखते हुए प्रशासन ने शादियों पर अगले आदेश तक प्रतिबन्ध लगा दिया।

महामारी के संक्रमण को देखते हुए ना कोई बाराती आए ना कोई घराती आए सिर्फ दूल्हे के मम्मी पापा और भैया भाभी के साथ एक छोटा बच्चा आए। तेजस परदेसी जो कि पेशे से इंजीनियर है अपने माता-पिता और भैया-भाभी के साथ पुणे से कार से उज्जैन आए और मात्र कुल 19 लोगों की उपस्थिति में शादी कर लौट गए। शादी में लोगों ने पूरी तरह कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए रस्म पूरी की।

सिर्फ पारिवारिक फोटो और रस्मों के दौरान ही मास्क उतारा गया बाकी पूरे समय परिवार के लोगों ने अपने चेहरे पर मास्क लगाए रखा। शादी में लगने वाला जो खर्चा बचा उसको दुल्हन के परिवार की ओर से कन्यादान के रूप दूल्हा-दुल्हन को एफडी भेंट कर दी गई।

प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखा

दुल्हन के पिता चिंतामणि राठौर ने बताया कि दूल्हा, उसके माता-पिता भाई-भाभी और एक छोटा बच्चा कार से उज्जैन पहुंचे। दुल्हन के माता-पिता, भाई-भाभी, दो बच्चे, दुल्हन की बड़ी मम्मी, उनके दो बेटे-बहू और बच्चे ही शादी में शामिल हुए। ढोली, पंडित और एक फोटोग्राफर को बुलाया गया था। शादी के लिए 5 -5 लीटर की दो बड़ी सैनेटाइजर की बोतल, मास्क और सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखा।

सकारात्मक संदेश देने का प्रयास

परिवार ने शादी के लिए तैयारियां पूरी कर ली थी। कुछ माह पहले ही गार्डन, बैंड बाजे, हलवाई समेत अन्य कामों के लिए करीब 80 हजार रुपए एडवांस दे दिए थे। लॉकडाउन के चलते एडवांस दिए गए रुपए डूब गए। दुल्हन के पिता चिंतामणि राठौर ने कहा समाज को सकारात्मक संदेश देने का प्रयास किया गया।

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