प्रशासन के आधे-अधूरे फरमान लोगों और छोटे व्यापारियों के लिए भ्रम पैदा किए हुए हैं। कोरोना कर्फ्यू के दौर में पहले प्रशासन ने आवश्यक सेवाओं को जारी रखते हुए दूध-फल, सब्जी, किराना आदि की दुकानें शुरू रखने के आदेश जारी किए थे।
इन व्यवसायियों को सुबह व्यवसाय करने की छूट दी गई थी। जबकि दूध व्यापारियों को शाम 6 से 8 बजे तक भी दुकानें खुली रखने का कहा गया गया था। सोमवार को प्रशासन ने नया आदेश निकाला कि किराना दुकानों को खुली रखने की छूट समाप्त कर दी गई हैं। अब किराना दुकाने बंद रहेंगी और सिर्फ होम डिलेवरी होगी।
लेकिन मंगलवार को पुलिस व नगर निगम का अमला इस आदेश के एक कदम आगे बढक़र दूध, फल और सब्जी की दुकानें भी बंद कराता नजर आया। प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक फल व सब्जी विक्रेता मंडी से सामान खरीदकर गलियों में फेरी लगाकर इनका विक्रय कर सकते हैं। भ्रमित करने वाले आदेश के कारण ही जामा मस्जिद क्षेत्र में पुलिस का विवाद भी हुआ।
प्रशासन को एक बार फिर अपने स्पष्ट आदेश जारी करना चाहिए। ताकि जनता, व्यापारी और कानून व्यवस्था बनाने में लगे पुलिस-निगम कर्मचारियों के बीच भ्रम की स्थिति नही रहे।
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