उज्जैन, अग्निपथ। गुरुवार 6 मई से आस्था की पंचकोशी यात्रा शुरू होने वाली थी। लेकिन कोरोना महामारी के चलते जिला प्रशासन ने इसको स्थगित कर दिया है। लेकिन परंपरा और जन भावनाओं के अनुरूप सत्ता पक्ष पर काबिज उच्च शिक्षा मंत्री ने इसे पूरा करने पर सहमति जताई है। धार्मिक संस्थाओं ने इसके निमित्त खर्च होने वाला बजट ग्रामीण कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य लाभ में लगाने की अपील की है।
पंचकोशी यात्रा 6 मई से शुरू होना है। लेकिन कोरोना के कारण यह यात्रा जिला प्रशासन ने स्थगित कर दी है। प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि चाहे तो यात्रा की परंपरा का निर्वहन करते हुए पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर भगवान को धर्म ध्वजा और नारियल चढ़ाकर यहां से बल लेकर वाहन से इस यात्रा को पूरी कर सकते हैं। इससे परंपरा का तो निर्वहन तो होगा ही और पांचो पड़ावों की यात्रा के दौरान जो चार द्वारपाल मौजूद रहते हैं। उनकी पूजा भी परंपरा अनुसार हो जाने से कोरोना महामारी के निर्मूलन की आशा बलवति हो सकती है। धार्मिक संस्थाओं ने भी इस परंपरा का निर्वहन करने के लिए अपने विचार व्यक्त किए हैं और परंपरा निभाने को कहा है। ताकि कोरोना महामारी का धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार उन्मूलन किया जा सके।
मंत्री जी निभाएंगे परंपरा
जन भावनाओं के अनुरूप उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव पंचकोशी यात्रा की परंपरा का निर्वहन करेंगे। भगवान नागचंद्रेश्वर पर ध्वज और नारियल चढ़ाकर बल लिया जाएगा और वाहन से पांचो पड़ावों की यात्रा संपन्न की जाएगी। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए पंचकोशी यात्रा की परंपरा का उनके द्वारा निर्वहन किया जाएगा। ज्ञातव्य रहे कि इस बार चैत्र मास की अष्टमी को नगर पूजा का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी के खात्मे के लिए किया गया था। पूर्व में चैत्र मास में नगर पूजा निरंजनी अखाड़े द्वारा की जाती थी। लेकिन इस बार जिला प्रशासन आगे आया।
अवधेश पुरी ने कहा- ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों पर खर्च हो सेवा का बजट
महंत अवधेश पुरी महाराज ने कहा कि पंचकोशी यात्रा पर खर्च होने वाला बजट ग्रामीण क्षेत्र के कोरोना मरीजों के इलाज पर खर्च होना चाहिए। लोगों की जन भावना भी यही है। िइसी प्रकार अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों पर पंचकोशी यात्रा का बजट खर्च होना चाहिए। परंपरा का निर्वहन करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को पंचकोशी यात्रा करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो उनके द्वारा पंचकोशी यात्रा के परंपरा का निर्वहन अपने साथियों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा।
भाजपा ग्रामीण अध्यक्ष बहादुर सिंह बोरमुंडला का कहना है कि पंचकोशी यात्रा का बजट ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों के इलाज, उपकरण आदि पर खर्च होना चाहिए। श्री क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष पंडित राजेश त्रिवेदी का कहना है कि पंचकोशी का बजट ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के इलाज पर खर्च होना चाहिए। प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा इस परंपरा का निर्वहन करने से कोरोना महामारी के संकट से निजात पाई जा सकती है।