सामान्य मरीज व वैक्सीनेशन वालों में भय का माहौल
महिदपुर, विजय चौधरी। एक सप्ताह पूर्व महिदपुर के कोरोना संक्रमित एवं कोरोना संदिग्ध मरीजों को स्थानीय स्तर पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासकीय चिकित्सालय परिसर में कोविड आइसोलेशन वार्ड की शुरुआत की गई थी। 10 बेड की उपलब्धता से शुरू किए गए कोविड सेंटर की क्षमता 20 बेड तक बढ़ा दी गई, जिसमें वर्तमान में 23 कोरोना पॉजीटिव व संदिग्ध मरीज उपचाररत होकर उन्हें ऑक्सीजन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
शासकीय चिकित्सालय के मुख्य प्रवेश द्वार के पास पुराने भवन में कोविड सेंटर शुरू करने के कारण कोविड मरीजों एवं उनके परिजनों की दिनभर आवाजाही बनी रहती है । हालांकि सुरक्षा के नाम पर कोविड सेंटर को बैरिकेट्स व कनात से कवर किया हुआ है। साथ ही अस्पताल की ओपीडी व दवाई वितरण केंद्र के सामने सुरक्षा बल की व्यवस्था भी की गई है। लेकिन मुख्य प्रवेश द्वार के एकदम पास ही ओपीडी होने से चिकित्सालय में मौजूद चिकित्सकों द्वारा कोविड संभावित व सामान्य मरीजों को एक साथ देखा जा रहा है।
वहीं पास में अस्थाई दवाई वितरण केंद्र होने से मरीजों व उनके परिजनों के आगमन व निर्गम का एक ही प्रवेश द्वार होने से एक ही स्थान पर बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित होने से कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन भी हो रहा है। वहीं कोविड सेंटर को बाहर से सुरक्षित करने हेतु जो कनात व बैरिकेटिंग की गई है उसकी ऊंचाई भी काफी कम होने से कोविड आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों से उनके परिजन आपस में बातचीत करते देखे जा सकते हैं। साथ ही कोविड मरीजों के परिजन अपने साथ बाहर की खाद्य सामग्री व अन्य सामान लाकर भर्ती मरीजों को उनका आदान प्रदान करते रहते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमित एवं संदिग्ध मरीजों के संपर्क में आने से संक्रमण के फैलने की संभावना निरंतर बनी हुई है। इस ओर अस्पताल प्रबंधन, कोविड सेंटर में सेवा दे रहे स्टॉफ, चिकित्सकों व सुरक्षाकर्मियों के ध्यान नहीं देने से कोविड सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही है ।
कोविड सेंटर बनाने से वैक्सीनेशन हो रहा प्रभावित
एक ओर तो शासन प्रशासन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को अत्यंत खतरनाक बताकर अत्यधिक सावधानी बरतने की समझाइश दे रहा है। वहीं दूसरी ओर शासकीय चिकित्सालय के मुख्य प्रवेश द्वार के पास ही कोविड सेंटर स्थापित कर दिया गया, जो किसी भी दृष्टि से न तो उचित है न ही सुरक्षित। वर्तमान में शासकीय चिकित्सालय परिसर में ही कोरोना से बचाव हेतु वैक्सीन भी लगाई जा रही है, ऐसी स्थिति में गंभीर बीमारी वाले प्रोढ़ एवं वृद्धजनों के लिए कोविड सेंटर खतरे की घंटी बना हुआ है। वैक्सीन लगवाने के लिए आने वालों में भी भय का वातावरण बना रहता है जो काफी हद तक सही भी है। जन चर्चा तो यह भी है कि जब से शासकीय चिकित्सालय परिसर में कोविड सेंटर बनाया गया है तभी से वैक्सीन लगवाने वाले वैक्सीन सेंटर पर जाने से कतरा
रहे हैं।
सुरक्षित जगह पर स्थापितकरें कोविड सेंटर
शासकीय चिकित्सालय में छोटे परिसर में स्थापित कोविड सेंटर में कोरोना संक्रमित व संदिग्ध मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में विधायक सहित आपदा प्रबंधन कमेटी को चाहिए कि उक्त कोविड सेंटर को या तो दशहरा मैदान के छात्रावास, धर्मशाला या नगर के बाहर किसी शासकीय या निजी विद्यालय में शिफ्ट करे जो हर दृष्टि से सुरक्षित व उचित होगा। जहां पर एक तो कोरोना मरीजों का उपचार व्यवस्थित व समुचित तरीके से हो सकेगा, वहीं दूसरी ओर बाहरी लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित होने से संक्रमण फैलने का खतरा भी नहीं रहेगा। साथ ही शासकीय चिकित्सालय में सामान्य बीमारी के उपचार के लिए आने वाले मरीजों में भय का माहौल भी नहीं रहेगा व वैक्सीनेशन का कार्य भी निर्बाध गति से चलता रहेगा।