रेमडेसिविर की कालाबाजारी में सरकारी अस्पताल पर सायबर की नजर

गुजरात से लाकर बेचने की सूचना, स्वास्थकर्मी संदेह के घेरे में

उज्जैन,अग्निपथ। रेमडेसिविर इंजेक्शन की सरकारी अस्पताल से कालाबाजारी हो रही है और इसमें स्वास्थकर्मी भी शामिल है। ऐसी ही सूचना के बाद सायबर सेल पड़ताल में जुटा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि बुधवार को मामले में दो महिलाकर्मियों को हिरासत में लियाहै। अधिकारियों ने जांच की बात तो स्वीकारी, लेकिन फिलहाल किसी को पकडऩे से इंकार कर दिया।

सर्वविदित है अत्याधिक कोरोना संक्रमितों के लिए उपयोगी रेमडेसिविर की कालाबाजारी हो रही है। एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल के आदेश पर सायबर सेल ब्लैक करने वालों को खोज रही है। सूत्रों की मुताबिक हाल ही में सेल को आगर रोड स्थित सरकारी अस्पताल से भी इंजेक्शन ब्लैक करने का पता चला। यह भी मालूम हुआ कि यहां के कर्मचारी गुजरात से इंजेक्शन लाकर महंगे दाम में बेच रहे हंै।

जानकारी के बाद टीम ने पड़ताल शुरू की। सूत्रों का दावा है कि बुधवार को टीम ने मक्सीरोड निवासी महिला कर्मचारी सहित दो को हिरासत में भी लिया। उनसे कुछ इंजेक्शन भी बरामद हुए और उन्होंने कालाबाजारी से जुड़े अन्य लोगों के नाम भी कबूले। हालांकि इस संबंध में एएसपी अमरेन्द्रसिंह ने इंजेक्शन के कालाबाजारी करने वालों की सूचना का कहा, लेकिन किसी को पकडऩे से इंकार कर दिया।

10 दिन पहले पकड़ाया था गिरोह

उल्लेखनीय है रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए सायबर सेल व चिमनगंज पुलिस ने 25 अप्रैल को 8 युवकों को पकड़ा था। उनसे मरीजों के चुराए तीन रेमडेसिविर व दो एंटीबायोटिक जब्त हुए थे। आरोपियों में तीन देशमुख हॉस्पीीटल के मेल नर्स और पांच आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से पास आऊट थे। सभी को रासुका में जेल भेजा था। मामले में एक नर्स की भूमिका भी सामने आई थी, लेकिन प्रमाण के अभाव में वह बच गई थी।

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