बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी आज 93 वर्ष के हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को लालकृष्ण आडवाणी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं और उनकी लंबी आयु की कामना करते हुए कहा कि पार्टी को जन-जन तक पहुंचाने में उनका बहुमूल्य योगदान रहा है.
रविवार सुबह पीएम मोदी लाल कृष्ण आडवाणी के निवास पहुंचें. यहां प्रधानमंत्री ने आडवाणी को फूलों का गुलस्ता भेंट कर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. इसके बाद पीएम मोदी ने आडवाणी के पैर छूकर उनका आशीर्वाद भी लिया. इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे. इसके बाद पीएम मोदी ने लाल कृष्ण आडवाणी को केक भी खिलाया और आडवाणी ने भी प्रधानमंत्री को केक खिलाया।
पीएम मोदी ने ट्वीट भी किया
इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट भी किया था. उन्होने अपने ट्वीट में लिखा था कि , ‘‘भाजपा को जन-जन तक पहुंचाने के साथ देश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले श्रद्धेय लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई. वह पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं के साथ ही देशवासियों के प्रत्यक्ष प्रेरणास्रोत हैं. मैं उनकी लंबी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करता हूं.’’ भारत की राजनीति में भाजपा को एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में आडवाणी की अहम भूमिका रही है.
विभाजन के समय पाकिस्तान छोड़कर आ गए थे मुंबई
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के कराची में एक सिंधी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी था. उनके पिता एक उद्यमी थे.लाल कृष्ण आडवाणी की प्रारंभिक शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल में हुई थी. विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई आ गया और यहीं बस गया. यहां से ही लाल कृष्ण आडवाणी ने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की. उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है बेटे का नाम जयंत आडवाणी व बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है.
भारत के सातवें उपप्रधानमंत्री रहे हैं आडवाणी
2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में लाल कृष्ण आडवाणी भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री रहे. वहीं 1998 से 2004 के दरम्यान वह बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में गृहमंत्री का भी पद संभाल चुके हैं. यकीनन भारतीय जनता पार्टी की नींव रखने में लाल कृष्ण आडवाणी का योगदान बहुमूल्य है. 10वीं और 14वीं लोकसभा में वह विपक्ष के नेता की भूमिका में रहे. राजनीतिक करियर की शुरूआत लाल कृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से की थी. 2015 में भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी वह सम्मानित किये जा चुके हैं.