मध्यप्रदेश में जारी लाकडाउन से आम आदमी परेशान है। किन्तु इस समय सिवरेज लाइन डाल रही टाटा कंपनी सबसे ज्यादा मजे में है। नगर निगम से जुड़े सभी अधिकारी इस समय कोविड की ड्यूटी में लगे हुए हैं। खुद नगर निगम आयुक्त पूरे समय अस्पतालों की व्यवस्थाओं में जुटे रहते हैं। यही हालत नगर निगम के अन्य अधिकारियों की भी है।
लाकडाउन अवधि का लाभ उठाते हुए टाटा ने शहर के सभी प्रमुख मार्ग खोद दिये हैं। टाटा ने प्रमुख मार्ग खोदे हैं वहां तक तो ठीक है किन्तु एक माह से अधिक अवधि बीतने के बाद भी अधिकांश स्थानों पर सडक़ पुन: नहीं बनायी गयी है। वहीं कई स्थानों पर तो टाटा ने मुख्य मार्ग पूरी तरह रोक दिया है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण नीलगंगा रेलवे स्टेशन मार्ग है।
इन परिस्थितियों में यदि कोई गंभीर मरीज रास्ता नहीं मिलने के कारण दम तोड़ देगा तो इसकी सीधे सीधे जिम्मेदारी टाटा कंपनी की होगी। ऐसा लग रहा है कि लाकडाउन की आड़ में टाटा कंपनी अपनी मनमर्जी से काम कर रही है। नगर निगम के अधिकारियों को चाहिए कि कुछ समय निकालकर टाटा कंपनी द्वारा किये जा रहे मनमाने कार्य पर भी निगरानी रखे। जिससे जनता को हो रही असुविधा से निजात मिले।