उज्जैन, अग्निपथ। कोरोना संक्रमण के दौर में डॉक्टर सिटी स्केन करवाने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन निजी सिटी स्केन सेंटरों पर मरीजों को काफी समय तक इंतजार करना पड़ता है, तब तक मरीज की हालत खराब हो जाती है। उनकी जेब से उम्मीद से अधिक वसूली भी की जा रही है। अब उम्मीद की किरण जागी है। स्वास्थ्य संचालनालय मध्यप्रदेश ने उज्जैन सहित 30 जिला चिकित्सालयों में सिटी स्केन मशीन लगाने की अनुमति प्रदान कर दी है। कलेक्टरों के पास इसके आदेश भी पहुुंच गए हैं।
उज्जैन, बैतूल, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, हरदा, नरसिंहपुर, अलीराजपुर, इंदौर, झाबुआ, बुरहानपुर, बड़वानी, नीमच, आगर, रीवा, सिंगरौली, अनूपपुर, उमरिया, सीधी, जबलपुर, डिंडोरी, पन्ना, गुना, ग्वालियर, भिंड, श्योपुर, खरगोन, अशोकनगर, टीकमगढ़ एवं दमोह के कलेक्टरों के नाम जारी आदेश में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश के 30 जिला चिकित्सालयों में आउट सोर्स एजेंसियों के माध्यम से 32 स्लाइस सिटी स्केन मशीन लगाई जाएंगी। इसके लिए तीन एजेंसियों का चयन किया गया है। जो कि इन चिकित्सालयों में सीटी स्केन मशीन स्थापित किए जाने की कार्रवाई करेगी।
मे. थीटा लैब्स प्रालि. करेगी मशीन स्थापित
उज्जैन, इंदौर, झाबुआ, बुरहानपुर, बड़वानी, खरगोन, नीमच और आगर मेंं मेसर्स थीटा लैब्स प्रायवेट लिमिटेड द्वारा सीटी स्केन मशीन स्थापित की जाएगी। 30 जिलों को चार क्लस्टर में विभाजित किया गया है। जिसमें 3 एजेंसियों द्वारा सिटी स्केन मशीन स्थापित की जाएगी।
माधव नगर की नहीं सुधरवा पाए
माधव नगर अस्पताल में भी वर्षों पुरानी सीटी स्कैन मशीन रखी हुई है। इसको सुधरवाने का प्रयास किया गया था। जिसमें 30 लाख से अधिक खर्च हुआ था और इंजीनियरों को बैंगलुरू से बुलाया गया था। लेकिन हर बार इसका लैंस खराब हो जाता था। आखिरकार थक हारकर भोपाल से इसको सुधरवाने की राशि जारी करना बंद कर दिया गया। शहर के प्रतिनिधियों ने भी सिटी स्केन मशीन को लगवाने का काफी प्रयास किया, लेकिन इसमें वे सफल नहीं हो पाए।
करन एक्सरे ने रविवार को नहीं दी रिपोर्ट
कोरोना मरीजों की जान के साथ किस तरह से खिलवाड़ किया जा रहा है। इसका एक नमूना देखने में आया है। शनिवार को बड़ी संख्या में कोरोना सिम्टोमैटिक मरीजों ने अपना सिटी स्केन यहां पर करवाया। उनके अटेंडरों ने जब पूछा कि रिपोर्ट कब मिलेगी तो उनको बताया गया कि सर बाहर गए हुए हैं। रविवार को रिपोर्ट मिल जाएगी। लेकिन जब मरीजों ने यहां पर आकर देखा तो पूरे सेंटर पर ताले लगे हुए थे। इन मरीजों में ऐसे भी लोग शामिल थे। जिनको तत्काल भर्ती करवाने की आवश्यकता थी और वह दूर-दूर के गांवों से आए हुए थे। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आर्थिक लाभ का अवसर कोई भी इस दौर में नहीं छोड़ रहा है। विशेषकर स्वास्थ्य से संबंधित जांचों का।