खबरों के उस पार: संकट प्रबंधन या चुनाव प्रबंधन…!

मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास मंत्रालय द्वारा कोरोना की रोकथाम व बचाव के लिए वार्ड संकट प्रबंधन समूह का गठन करने के निर्देश दिए हैं। विभिन्न वार्डों में लगभग आधा दर्जन सदस्यों कि समिति बनाई जा रही है।

इस समिति में प्रमुख रूप से निगम के एक अधिकारी को रखा गया है। उसके बाद दूसरे नंबर पर हाल ही में जिन पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हुआ है उन्हें स्थान दिया गया है। इसके बाद समिति में सांसद प्रतिनिधि बनाए गए हैं। वही समिति में विधायक प्रतिनिधि के रूप में भी कई लोगों को स्थान दिया गया है। कुछ स्थानों पर मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद से जुड़े हुए सदस्यों को समिति में जगह मिली है। कुछ एक स्थान ऐसे भी हैं जहां पर भाजपा से जुड़ी हुई एनजीओ को समिति में जोड़ दिया गया है।

कुल जमा वार्ड संकट प्रबंधन समूह ऐसा लग रहा है कि आने वाले नगरीय निकाय चुनाव का प्रबंधन समूह बनकर रह गया है। सांसद और विधायकों ने अपने से जुड़े हुए लोगों को उपकृत करने का कोई अवसर नहीं छोड़ा है। इस समिति के माध्यम से उन सभी लोगों को उपकृत किया गया है।

एक और प्रदेश के मुखिया कहते हैं कि यह संकट का समय है इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। किंतु वार्ड संकट प्रबंधन समूह पूरी तरह से राजनीतिक नियुक्तियों पर आधारित है जो लोग भाजपा से जुड़े हुए हैं या फिर उसके अनुषांगिक संगठन से जुड़े हैं उन्हें ही वार्ड संकट प्रबंधन समूह में स्थान मिला है।

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