उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम द्वारा वार्ड संकट प्रबंधन समूह के आदेश निकाले गये है। ऐसा ही एक आदेश वार्ड 16 के लिए भी निकाला गया। जिसमें एक ऐसे व्यक्ति को प्रतिनिधि बना दिया गया। जिसने करीब 20 साल पहले कागजों पर सडक़ बना दी थी। भुगतान निकाल लिया था। जिसके चलते उनको भैरवगढ़ जेल तक जाना पड़ा था। इसी व्यक्ति को प्रबंधन समूह में प्रतिनिधि बना दिया गया है।
नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल के एक आदेश से भाजपा में हडक़ंप मचा हुआ है। आदेश क्र. 317 दिनांक 12 मई को निकाला गया है। आदेश गोवर्धन सागर वार्ड क्र. 16 से जुड़ा है। जिसमें माननीय सांसद अनिल फिरोजिया ने अपना प्रतिनिधि प्रसन्न जैन निवासी वीडी क्लाथ मार्केट को बनाया है। इस आदेश के बाद भाजपाई सवाल उठा रहे है। सवाल यह है कि आखिर एक कांगे्रसी विचारधारा के समर्थक को ही, सांसद ने अपना प्रतिनिधि क्यों बनाया है।
फर्जी सडक़ …
इस आदेश के बाद भाजपाइयों में एक पुरानी घटना और चर्चा सुनाई दे रही है। चर्चा यह है कि सांसद ने जिस प्रसन्न जैन को अपना प्रतिनिधि बनाया है। वह पूर्व कांग्रेसी विधायक के प्रतिनिधि भी रह चुके हैं। उस दौरान उनके द्वारा महावीर नगर में 200 मीटर की एक सडक़ बनाने का ठेका लिया गया था। यह सडक़ केवल कागजों पर बनी और राशि निकाल ली गई। इस कार्य में तत्कालीन एसडीओ व उपयंत्री भी शामिल थे।
मामला सामने आने पर भाजपा नेताओं ने कोठी पर प्रदर्शन किया था। तत्कालीन कलेक्टर विवेक अग्रवाल के कार्यकाल का यह मामला है। उस समय के युवा नेता सोनू गेहलोत के मागदर्शन में मामला तूल पकड़ गया था। आखिरकार जांच हुई और ठेकेदार प्रसन्न जैन सहित एसडीओ व उपयंत्री दोषी पाये गये थे।
तीनों को करीब 2 महीने भैरवगढ़ जेल में मेहमान बनकर रहना पड़ा था। अब उसी प्रसन्न जैन को सांसद ने अपना प्रतिनिधि बनाकर, भाजपा में सवाल खड़े कर दिये हैं।
समन्वय…
वार्ड संकट प्रबंधन समूह के लिए चयनित किये जा रहे प्रतिनिधियों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, खासकर समन्वय को लेकर। जिलाध्यक्ष विवेक जोशी की भूमिका इस गठन में नगण्य नजर आ रही है। प्रतिनिधि नियुक्त करने वाली सूची पर किसी का भी ध्यान नहीं है। तभी तो एक ही वार्ड में आपदा समूह में-एक ही व्यक्ति को-दो का प्रतिनिधि बना दिया गया है।
वार्ड 16 की ही बात करे तो विधायक पारस जैन और जनअभियान परिषद की तरफ से एक ही व्यक्ति को प्रतिनिधि बनाया है। जिनका नाम महेन्द्र जैन है। इसको लेकर कार्यकर्ताओं में रोष है। आखिर…किसी दूसरे कार्यकर्ता को मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है? एक ही व्यक्ति को विधायक और अभियान परिषद अपना प्रतिनिधि क्यों नियुक्त कर रही है? क्या भाजपा के पास कार्यकर्ताओं की कमी है। भाजपा में चर्चा है कि यह समन्वय की कमी के चलते हो रहा है और भाजपा जिलाध्यक्ष विवेक जोशी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।