लॉकडाउन में अगर आपको व्यापार करना है तो पुलिस और नगर निगम की सेवा करना होगी। बिना सेवा के धंधा नहीं हो सकता। यह हम नहीं कह रहे हैं, खुद पुलिस और नगर निगम की टीम की हरकतों से साबित हो रहा है।
इन दिनों कोरोना कर्फ्यू का हवाला देकर पुलिस व प्रशासन की टीम जगह-जगह जाकर दुकानें बंद करवा रही है। साथ ही व्यापारियों के साथ अपराधियों की तरह बर्ताव कर उन्हें न सिर्फ अपमानित कर रही है, बल्कि मुकदमा भी दर्ज कर रही है। साथ मौजूद नगर निगम की टीम व्यापारियों के यहां से सामान भी जब्त कर रही है। जिसका पता नहीं कहां जा रहा है। तगड़ी कार्रवाई कर फोटो खिंचवाने वाले इन लोगों का दूसरा चेहरा भी है।
इनका दूसरा चेहरा देखना है तो चिमनगंज मंडी क्षेत्र में आइए। यहां पर पुलिस और नगर निगम की शह पर प्रतिबंध के बाद भी फलों का कारोबार खुलेआम चल रहा है। सुबह छह बजे से पुलिस और नगर निगम की टीम चिमनगंज फल मंडी पर जमा हो जाती है। यहां से आम लोगों को कोरोना का डंडा घुमाकर भगा दिया जाता है, जबकि व्यापारी खुलेआम व्यापार करते हैं।
दोपहर 12 बजे बाद जब सभी तरह के व्यापार को बंद करने का नियम है, उसके बाद भी यहां फ्रुट कारोबार दिनभर चलता है। व्यापारी अपने-अपने गोदामों से व्यापार करते हैं और पुलिस व नगर निगम कर्मचारी यहां दिनभर राउंड मारते रहते हैं। इस दोहरे रवैये का ‘फल’ वरिष्ठ अधिकारियों तक भी पहुंचता है।