बंगाल की खाड़ी में यास तूफान कल बनाएगा कम दबाव का क्षेत्र
उज्जैन, अग्निपथ। ताउ ते तूफान के जाने के बाद अब यास नाम चक्रवात के सक्रिय होने के संकेत मौसम विभाग ने दिए हैं। ताउ ते तूफान जाने के बाद तीन दिन लोगों को गर्मी से तो निजात मिली है, लेकिन अब आसमान से बादल साफ हो जाने की वजह से दिन के अधिकतम तापमान में बढ़ौत्तरी होना शुरू हो गई है। हालांकि घरों में दिन में भी पंखे ठंडी हवा फेंक रहे हैं। आगामी दिनों में मौसम विभाग तापमान में बढ़ौत्तरी होने का अंदेशा जता रहा है। लेकिन 22 मई से बंगाल की खाड़ी में यास तूफान सक्रिय हो रहा है। इसका शहर पर तापमान पर क्या असर देखने को मिलेगा। यह इसकी दिशा तय करेगी।
जीवाजीराव वेधशाला अधीक्षक राजेन्द्र गुप्त ने बताया कि ताउ ते तूफान का असर गुजरने के बाद अब दिन का अधिकतम तापमान बढऩा शुरू होगा। आसमान साफ होने की वजह से दिन प्रतिदिन तापमान में बढ़ौत्तरी होती जाएगी। इसका असर गुरुवार को देखने को मिला जब दिन का अधिकतम तापमान विगत दिवस की अपेक्षा एक डिग्री बढक़र 36 डिग्री पर पहुंच गया। हालांकि रात के न्यूनतम तापमान में 4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। जोकि 25 से गिरकर 21 डिग्री पर आ गया। हस दौरान सुबह और शाम 8 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलीं। गुरुवार को सूर्य की तीखी किरणों ने आग बरसाना शुरू कर दिया था। लेकिन घरों में ठंडक बनी हुई थी।
यास तूफान की दिशा तय करेगी असर
श्री गुप्त के अनुसार कल 22 मई को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के आसार हैं। जिसके बाद यह चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। 25-26 मई को इसके पश्चिम बंगाल और ओडिसा के तट से टकराने की संभावना बनी हुई है। उज्जैन जिले पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है, यह तो चक्रवात की दिशा और दशा ही तय करेगी। लेकिन इसका आंशिक असर तो शहर पर भी रहेगा।
नौतपा गल सकता है
25 मई से नौपता शुरू हो रहा है। इस पर रोहिणी का समुद्र तट पर वास होने की वजह से ज्यातिषाचार्यों ने अच्छी वर्षा के संकेत दिए हैं। इसके साथ ही नौतपा गलने के संकेत भी दिए हैं। यास तूफान 25-26 मई को भारत के दो तटों से टकराएगा। इस दौरान नौतपा गलने की भी संभावना बन सकती है। हालांकि ज्योतिषार्चों ने नौतपा गलने के बाद भी देश में अच्छी वर्षा होने की बात कही है।