मंगल का कर्क राशि में 2 जून को प्रवेश, समय पर आएगा मानसून

जून से जुलाई के मध्य दक्षिण-पश्चिम राज्यों में मानसून की रहेगी प्रबलता

उज्जैन, अग्निपथ। अगले महीने की शुरुआत में मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन अच्छे मानसून की आशा बंधा रहा है। 2 जून को प्रात: 6.57 पर मिथुन राशि को छोडक़र कर्क राशि में प्रवेश होगा। यहां से मंगल अपनी चौथी दृष्टि से तुला राशि एवं सातवीं दृष्टि से मकर राशि स्थित शनि को तथा आठवीं दृष्टि से कुंभ राशि स्थित बृहस्पति को देखेंगे।

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि नवग्रहों में तीसरे नंबर पर आने वाला मंगल ग्रह अपनी रक्तिम आभा के साथ विद्यमान है राशि मंडल में मंगल ग्रह का परिभ्रमण मार्गी और कभी-कभी वक्री होकर के चलता रहता है। ग्रह गोचर की गणना से देखे तो मंगल का मिथुन राशि को छोडक़र कर्क राशि में प्रवेश होगा। कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। यह जलचर राशि है।

मंगल के कर्क में प्रवेश करते ही अलग-अलग प्रकार की स्थिति सामने आएंगी जिसमें सर्वप्रथम प्राकृतिक एवं मौसमी परिवर्तन का प्रभाव दिखाई देगा। अर्थात दक्षिण पश्चिम दिशा से जुड़े राज्य एवं शहरों में वर्षा की स्थिति आरंभ होकर के अपने मूल क्रम में दिखाई देगी। क्योंकि मंगल का चंद्रमा की राशि में परिभ्रमण काल 1 माह के आसपास माना जाता है। इस दृष्टि से मानसून की स्थिति समय पर उपस्थित होकर के जून से जुलाई के माह में दक्षिण पश्चिम दिशा से जुड़े राज्यों में विशेष प्रबल दिखाई देगी। साथ ही जहां पूर्वोत्तर की स्थितियां हैं वहां पर कुछ स्थान पर खंड वृष्टि का योग ंबनेगा।

व्यवसायियों को ज्येष्ठ मास पहुंचाएगा लाभ

ज्येष्ठ मास के आरंभ में गुरुवार का होना और गुरुवार के ही दिन अमावस्या का होना तथा गुरुवार को ही पूर्णिमा तिथि का भी होना। यह सभी उत्तरोत्तर श्रेष्ठ माने जाते हैं। यह स्थिति भारत में बहुत सारे क्षेत्रों में सकारात्मक तथा व्यवसाय क्षेत्र में लाभकारी मानी जाएगी। हालांकि कर्क राशि स्थित मंगल का मकर राशि स्थित शनि से प्रति योग बनेगा। कुछ स्थितियों में इसे समसप्तक दृष्टि संबंध भी कहा जा सकता है। शास्त्रीय गणना से देखें तो मंगल- शनि के प्रति योग बनने से कुछ स्थानों पर समुद्री तूफान एवं प्राकृतिक प्रकोप तथा कट्टर पंथी राष्ट्रों के मध्य आपसी विवाद की स्थिति बनती है। हालांकि भारत राष्ट्र के लिए इसका प्रभाव अलग प्रकार का रहेगा। मंगल का कर्क में प्रवेश समय पर मानसून की स्थिति दर्शाता है।

समय पर मानसून की दस्तक

जलचर राशि में मंगल का प्रवेश प्रकृति में श्रेष्ठ वर्षा ऋतु का होना दर्शाता है। इस दृष्टि से समय पर मानसून की दस्तक होगी। उज्जैन को मंगल की भूमि बताया जाता है। साथ ही यहां कर्क रेखा स्पर्श करती जा रही है तथा पुनर्वसु नक्षत्र से मंगल का कर्क राशि में प्रवेश काल आने वाले समय में श्रेष्ठ स्थिति दर्शा रहा है। हालांकि बीच-बीच में कम या अधिक की स्थिति दिखाई दे सकती है।

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