शाजापुर, अग्निपथ। कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने के मामले में जूता व्यापारी को अपर कलेक्टर द्वारा थप्पड़ मारे जाने का वीडियो सामने आने के बाद विरोध शुरू हो गया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मामले की कड़ी निंदा करते हुए अपर कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग तेज हो गई है।
इसके साथ ब्लॉक कांग्रेस ने भी मामले में अपर कलेक्टर को पद से हटाए जाने की मुख्यमंत्री से अपील की है।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर शाजापुर शहरी क्षेत्र में 31 मई की सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लागू है, ऐसे में सभी तरह के कारोबार को प्रतिबंधित किया गया है। ऐसे में कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने निकलीं अपर कलेक्टर मंजूषा राय ने किला रोड क्षेत्र में जूता दुकान खुली देखी तो वह आग बबुला हो गईं और उन्होने बिना कुछ सोचे समझे दुकानदार को थप्पड़ मार दिया।
अपर कलेक्टर द्वारा थप्पड़ मारे जाने का यह वीडियो शुक्रवार का होना बताया जा रहा है और सोमवार को सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन के खिलाफ लोगों ने नाराजगी जाहिर की। वहीं ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष इरशाद खान दुकानदार के घर पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी लेने के बाद अपर कलेक्टर के कृत्य को गुंडागिर्दी बताते हुए तत्काल उन्हे पद से हटाए जाने की मुख्यमंत्री से मांग की।
घर और दुकान का एक ही रास्ता
किला रोड पर अब्दुल हफीज की जूता की दुकान है और उसके पीछे ही उसका घर भी है। ऐसे में घर और दुकान में प्रवेश करने का एक ही रास्ता है। हफीज का कहना है कि वह शुक्रवार को नमाज पढ़ाकर अपने घर में आया ही था कि अचानक से अपर कलेक्टर मंजूषा राय अपनी टीम के साथ आ पहुंची और दुकान में ग्राहक नही होने के बाद भी उन्होने थप्पड़ मार दिया। इधर अपर कलेक्टर द्वारा थप्पड़ मारे जाने का वीडियो वायरल होने पर कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी सहित अन्य लोगों ने ट्वीट कर अपर कलेक्टर पर कार्र्रवाई की मांग शुरू की।
कर्फ्यू पालन कराने के नाम गुंडागिर्दी
अपर कलेक्टर द्वारा दुकानदार को थप्पड़ मारे जाने का वीडियो तेजी से वायरल हो गया है। वहीं इस मामले को राजनीतिक पार्टियों ने तानाशाही करार दिया है। सोमवार को पीडि़त के घर पहुंचे ब्लॉक अध्यक्ष इरशाद खान ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू पालन कराने के नाम पर प्रशासन द्वारा गुंडागिर्दी की जा रही है, जिसे कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा। यदि जूता व्यापारी ने कर्फ्यू को उल्लंघन किया था तो उस पर बीच बाजार थप्पड़ मारे जाने की बजाय चालानी कार्रवाई की जाना चाहिए थे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी सख्ती से कोरोना कफ्र्यू का पालन कराने के निर्देश दिए हैं, लेकिन उन्होने लोगों से अभ्रदता नही करने के निर्देश भी दिए हैं। ऐसे में अपर कलेक्टर का कृत्य बेहद निंदनीय है।