अंतिम नोटिस में मंदिर के सुरक्षाकर्मियों का बकाया वेतन डालने के लिए 7 दिन का दिया समय
उज्जैन। आखिरकार जिस कार्रवाई की प्रतीक्षा थी उसको महाकालेश्वर मंदिर समिति अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह ने पूरा कर ही दिया। महाकालेश्वर मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को एसआईएस कंपनी द्वारा विगत 4 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा था। कलेक्टर ने चेतावनी जारी करते हुए 7 दिवस के अंदर उनका वेतन देने को कहा है। अन्यथा कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की चेतावनी दी है। दैनिक अग्निपथ ने एक दिन पहले ही जारी आदेश से पूर्व अपने 25 मई के अंक में समाचार प्रकाशित कर दिया था।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को एसआईएस कंपनी द्वारा विगत 4 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। हाल ही में मार्च माह का वेतन दे दिया गया। लेकिन इससे पहले और बात का बकाया वेतन जो कि लगभग 4 महीने का बनता है। सुरक्षाकर्मियों को नहीं दिया गया, जिसके चलते सुरक्षाकर्मियों के सामने परिवार के भरण-पोषण की समस्या पैदा हो गई। सोशल मीडिया पर भी सुरक्षाकर्मी अपनी जान देने तक की धमकी दे रहे थे।
मंदिर के अधिकारियों द्वारा कंपनी को नोटिस जारी करने के बावजूद इंदौर में बैठे कंपनी के ब्रांच हेड अरविंद सिंह द्वारा वेतन संबंधी कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा था। ना ही नोटिस का कोई उत्तर दिया जा रहा था। दो दिन पहले नोटिस देने के बाद 25 मई को महाकालेश्वर मंदिर समिति अध्यक्ष और कलेक्टर द्वारा एसआईएस कंपनी को नोटिस जारी करते हुए 7 दिवस के अंदर सुरक्षाकर्मियों का 4 माह का वेतन डालने के आदेश दिए गए हैं। अन्यथा कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर आगे की कार्रवाई किए जाने के बात नोटिस में की गई है।
अनियमितता का आरोप
कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस में एसआईएस कंपनी के ब्रांच हेड अरविंद सिंह पर बिल में की गई अनियमितताओं के संबंध में भी आरोप लगाया गया है। उन्होंने कई बिल भी मांगने के बावजूद मंदिर प्रबंध समिति को नहीं सौंपे। वहीं मार्च माह में द्वारा आहूत बैठक में उनके उपस्थित नहीं होने और बाद में उपस्थित होकर भ्रामक जानकारी देने संबंधी बात भी आदेश में कहीं गई है। उनके द्वारा 14 अप्रैल तक बिल संबंधी जानकारी को अटकाए रखा गया। उन्होंने मंदिर प्रबंध समिति की जगह सीधे कलेक्टर से पत्र व्यवहार किया।
ज्ञातव्य रहे कि एसआईएस कंपनी द्वारा 1 करोड़ रुपए का बिल महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा रोकने संबंधी बात को कलेक्टर के समक्ष रखा गया था। लेकिन मंदिर समिति द्वारा उनके द्वारा दिए गए बिल में जब फर्जी आंकड़े चस्पा कर बिल को क्लियर करने संबंधी निवेदन किया गया था जो कि महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा गलत पाया गया। मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष और कलेक्टर ने सुरक्षाकर्मियों द्वारा वेतन नहीं मिलने के कारण धरना प्रदर्शन और ज्ञापन आदि को भी गंभीरता से लेते हुए इसको मंदिर की छवि धूमिल करना बताया है।
इनका कहना
एसआईएस कंपनी को अंतिम नोटिस जारी किया गया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक, महाकाल मंदिर समिति
इधर सुरक्षा प्रभारी कर रहे अभद्रता
श्री महाकालेश्वर मंदिर के सुरक्षाकर्मियों के साथ सुरक्षा प्रभारी द्वारा अभद्रता की जाकर उनको ड्यूटी भी नहीं करने दी जा रही है और बैरंग वापस लौटाया जा रहा है। सोमवार को तीन सुरक्षाकर्मियों के साथ उन्होंने अभद्रता कर दो को तो ड्यूटी से वापस कर दिया और तीसरे को अवकाश देने से मना कर दिया। उसने अपनी पीड़ा सोशल मीडिया पर जाहिर की है।
पिछले सोमवार को ईश्वर और अकोदिया नाम के दो सुरक्षाकर्मियों को वैक्सीनेशन सेंटर पर ड्यूटी करने के लिए महाकालेश्वर मंदिर बुलाया गया था। दोनों सुरक्षाकर्मी बिना यूनिफार्म के महाकालेश्वर मंदिर पहुंच गए। सुरक्षा प्रभारी श्री बामनिया द्वारा यूनिफॉर्म नहीं पहनकर आने पर उनके साथ अभद्रता की गई।
एक अन्य अजय नाम का सुरक्षाकर्मी अपने किराए का मकान वेतन नहीं मिलने के चलते खाली कर रहा था और उसको अवकाश की दरकार थी। लेकिन सुरक्षा प्रभारी श्री बामनिया से अवकाश मांगा तो उन्होंने अभद्रता करते हुए उसको नौकरी से निकाल देने की धमकी दे डाली। ऐसे में उसने अपनी पीड़ा सुरक्षाकर्मियों द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप प्लेटफार्म पर डाली।