कायथा, दिनेश शर्मा। प्रदेश के साथ-साथ इस समय उज्जैन जिले का कायथा क्षेत्र भी कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इस पूरे क्षेत्र में भी पिछले दो माह में इस बीमारी से सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गवाई है, लेकिन कायथा के विद्युत कंपनी के कार्यालय में पिछले 1 माह में हुई 3 मौतों ने बिजली कंपनी के ऊपर से नीचे तक के अधिकारियों को हिला दिया है।
हालांकि इनमें से एक भी मौत कोरोना संक्रमण से नहीं हुई है, लेकिन यह तीनों मौत सामान्य भी नहीं है, और इन तीन कर्मचारियों में से 2 की मौत भी बेहद कम उम्र में हुई है।
10 अप्रैल को सबसे पहले कायथा बिजली कंपनी पर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत 25 वर्षीय धर्मेंद्र मालवीय की कायथा में ही सडक़ दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, ठीक इसके कुछ समय बाद ही कायथा बिजली कंपनी पर ऑपरेटर पद पर ही कार्यरत लगभग 40 वर्षीय रघुवीर सिंह का भी हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया था।
दुखद बात यह है कि इसी दिन इनके पिता का भी निधन हुआ था। दोनों पिता-पुत्र की मृत्यु महज कुछ ही घंटों के अंतराल में हुई थी। इसके बाद 24 मई को कायथा बिजली कंपनी में पदस्थ वरिष्ठ लाइनमेन 50 वर्षीय राधेश्याम राठौर का भी हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया। राठौर हृदय संबंधी बीमारी के उपचार के लिए पिछले कुछ समय से इंदौर के निजी हॉस्पिटल में एडमिट थे, जहां उन्होंने कल अंतिम सांस ली।
एक माह में ही बिजली कंपनी के इन 3 कर्मचारियों की मौत ने ऊपर से नीचे तक अधिकारियों को हिला दिया है, क्योंकि 1 महीने पहले तक तीनों कर्मचारी बिल्कुल स्वस्थ और ड्यूटी पर कार्यरत थे और किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि 1 माह में ही यह तीनों कर्मचारी इस दुनिया से विदा ले लेंगे।