जिला अस्पताल के बाहर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने ताली और थाली बजाकर किया अनोखा प्रदर्शन

देवास, अग्निपथ। मध्यप्रदेश के सभी जिलों में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से कोरोना संक्रमण में संकट खड़ी हो गया है। पहले से ही हेल्थ वर्कर्स की समस्या से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है।

प्रदेश में 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हैं। जिलाध्यक्ष राजेष गुर्जर ने बताया कि मंगलवार को कर्मचारियों ने जिला अस्पताल के बाहर ताली और थाली बजाकर अनोखा प्रदर्शन किया। इसी प्रकार जिलेभर के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। गुर्जर ने बताया कि संविदा कर्मचारी 17 मई से आंदोलन कर रहे है, लेकिन सरकार हमारी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है।

कोरोना काल में हम ह?ताल नहीं करना चाहते, लेकिन सरकार की अनदेखी ने हमें सोमवार से काम बंद हड़ताल पर जाने पर मजबूर कर दिया। इससे सेवाओं पर पडऩेे वाले प्रभाव एवं मरीजों को होने वाली असुविधाओं की पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

संविदा कर्मचारियों की मांग है कि सरकार 5 जून 2018 की नीति के अनुसार नियमित कर्मचारी के वेतन मान का न्यूनतम 90 प्रतिशत वेतनमान की फाइल वित्त विभाग से स्वीकृत कराकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से तत्काल आदेश जारी कराएं। सभी निष्कासित एवं सपोर्ट कर्मचारी जिन्हें आउट सोर्स एजेंसी में कर दिया गया है। उनकी तत्काल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश में वापसी की जाए।

इस दौरान डॉ. मनोज वर्मा, डॉ. सचिन नागर, रतन जामले, बलराम चौधरी, जगदीष चौहान, यतींद्र बैरागी, इब्राहिम शेख, पवन सोनेर, अभिषेक तिवारी, डॉ राजेश नागर, सुषमा राठौर, दिनेश शर्मा, धन सिंह जामले, डॉ जसवंत पवार आदि उपस्थित थे।

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