उज्जैन से भोपाल के बीच हवा की रफ्तार से दौड़ी फाइलें, मामला- महाकाल वन प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र में जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के अंतर्गत हुए निर्माणकार्यो में क्लीन चिट दिए जाने की पूरी प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में है। इस निर्माण और इसके पीछे छिपी भ्रष्टाचार की कहानी में एक और रोचक पहलू सामने आया है। 6 साल तक भ्रष्टाचार की जो जांच लोकायुक्त में पेंडिंग रही, उसे महज 6 दिन की प्रक्रिया में ही खत्म कर डाला गया। इन 6 दिनों की अवधि में क्लिन चिट की फाइलें उज्जैन से भोपाल के बीच हवा की रफ्तार से चली।
महज 4 साल के भीतर ही नगर निगम द्वारा 23 करोड़ की लागत किए गए अपने ही किए निर्माण को तोड़े जाने का मुद्दा फिलहाल खासा चर्चाओं में है। 2016 में जो दुकानों, हॉल और केंटीन का जो निर्माण पूरा हुआ था, उसे नगर निगम के अधिकारी ही जमींदोंज करवा रहे है। जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण योजना के अंतर्गत महाकाल वन प्रोजेक्ट के तहत हुए निर्माण में भ्रष्टाचार की एक शिकायत 2014 में लोकायुक्त को भी की गई थी।
लोकायुक्त के स्तर पर भी 6 साल तक यह जांच पत्र व्यवहार पर ही जारी रही। लोकायुक्त नगर निगम से पत्र मांगती रही, पत्र भोपाल जाते रहे और जांच कछुए की चाल से चलती रही। पिछले साल नवंबर में महज 6 दिन के भीतर ही 6 साल पेंडिंग रही जांच को निपटा दिया। यही नहीं इसी अवधि में निर्माण तोडऩे का प्रस्ताव भी पारित हो गया। कागजी प्रक्रिया पूरी करने में दिखाई गई जल्दबाजी इस पूरे प्रकरण में दोषियों को बचाने की और ईशारा कर रही है।
क्लीन चिट के वो 6 दिन
- महाकाल वन प्रोजेक्ट में ठेकेदार फर्म को नगर निगम के कुछ अधिकारियों द्वारा आर्थिक लाभ पहुंचाए जाने की एक शिकायत वर्ष 2014 में की गई थी। नवंबर 2020 तक यह जांच कछुए की चाल से आगे बढ़ी।
- 18 नवंबर 2020 नगर निगम प्रशासक आनंद शर्मा द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव का मूल लब्बो-लवाब ये था कि निर्माण में जो कुछ भी प्रक्रिया अपनाई गई उसमें कुछ भी गलत नहीं था।
- महज 24 घंटे के भीतर 19 नवंबर 2020 को प्रशासक सह संभागायुक्त द्वारा पारित यह प्रस्ताव लोकायुक्त के चीफ इंजीनियर एन.एस. जौहरी तक भी पहुंचा दिया गया।
- इधर पत्र लोकायुक्त पहुंचा, उधर 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि 20 नवंबर 2020 को चीफ इंजीनियर लोकायुक्त ने महाकाल वन प्रोजेक्ट में हुए भ्रष्टाचार की 6 साल पुरानी शिकायत का खात्मा कर डाला।
- लोकायुक्त में शिकायत का खत्मा हुआ और इसके महज 3 दिन के बाद ही 23 नवंबर 2020 को नगर निगम प्रशासक द्वारा एक और प्रस्ताव पारित कर महाकाल वन प्रोजेक्ट में हुए निर्माण को तोडऩे की स्वीकृति दे डाली।