कोरोना वाले साल का सूतक निकालने के लिए सोयाबीन उत्पादन का सहारा
उज्जैन,अग्निपथ। पिछले डेढ़ महीने के लॉक डाउन ने उज्जैन जिले की अर्थव्यवस्था की कमर तोडक़र रख दी है। आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप्प है। बाजार में फिर से रौनक लौटे इसलिए अब सोयाबीन उत्पादन से आस बंधी है।
कृषि विभाग को उम्मीद है कि इस साल खरीफ सीजन में जिले में करीब 30 अरब 38 करोड़ रुपए कीमत की सोयाबीन का उत्पादन हो सकेगा। सबकुछ ठीक रहा तो दीपावली तक अकेले सोयाबीन की उपज से ही इतना रूपया बाजार में आ जाएगा कि जिले की अर्थ व्यवस्था फिर पटरी पर आ जाएगी।
मौसम विभाग ने इस साल मालवा क्षेत्र में भी औसत मानसून का आंकलन किया है। मानसून के आंकलन के आधार पर कृषि विभाग ने खरीफ सीजन के लिए उत्पादन का अनुमान लगाया है और इसी अनुमान के आधार पर किसानों को बीज, खाद और कीटनाशक उपलब्ध कराने की प्लानिंग की है। इसी सप्ताह से जिले में खाद-बीज और कीटनाशक की दुकानें भी खुलवा दी जाएंगी।
मौसम यदि मेहरबान रहा और पिछले दो सालों की तरह बारिश की अनियिमतता या फसल में रोग जैसी स्थिति नहीं रही तो कृषि विभाग का अनुमान है कि जिले में प्रति हेक्टेयर 17 क्विंटल सोयाबीन का उत्पादन हो सकेगा।
खरीफ में होगी इतनी बोवनी
खरीफ सीजन में इस बार पूरे जिले में कुल 5 लाख 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की बोवनी की जाएगी। सोयाबीन का रकबा 4 लाख 83 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रहने की उम्मीद है। इसके अलावा 5-5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का और अरहर, 7.8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में उड़द और 2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग की उपज की बोवनी रहने की उम्मीद है।
ऐसे आएगा बाजार में बूम
- सोयाबीन मालवा की मुख्य उपज और मुख्य आय का स्त्रोत है। इस बार प्रति हेक्टेयर 17 क्विंटल सोयाबीन उत्पादन का अनुमान है। कुल 4 लाख 83 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बोवनी होगी।
- केंद्र सरकार ने सोयाबीन की आंकलित कीमत 3700 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित की है। आंकलन है कि किसानों को प्रति हेक्टेयर लगभग 35 हजार रूपए उत्पादन पर खर्च करना होंगे और इसके एवज में प्रति हेक्टेयर तकरीबन 63 हजार रूपए किसान को प्राप्त होंगे।
- पूरे जिले में ढाई लाख से ज्यादा किसान मानसून औसत रहने पर 82 लाख क्विंटल सोयाबीन का उत्पादन करेंगे, इससे 30 अरब 38 करोड रूपए आय होने की संभावना है।