मामला घट्टिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लैब में शराबखोरी का: डॉ. अनुज शाल्य से पद से छीना पर तबादला नहीं
उज्जैन, अग्निपथ। घट्टिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रयोगशाला (लैब) में शराबखोरी मामले में कलेक्टर ने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) डॉ. अनुज शाल्य को इस पद से हटा दिया है। उनकी जगह उनके सहायक डॉ. देवेन्द्र पंड्या को चार्ज दे दिया गया है। हालांकि डॉ. शाल्य का वहां से तबादला नहीं किया गया है।
लैब में शराबखोरी को लेकर दैनिक अग्निपथ ने समाचार प्रकाशित किए थे। समाचार पर संज्ञान लेकर मंगलवार को तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम जिसमें डॉ अविनाश शर्मा, डॉ. एसके सिंह और पीआरओ दिलीप सिरोहिया शामिल थे, जांच के लिए घट्टिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे थे।
यहां पर उन्होंने स्थल निरीक्षण भी किया था और इसकी रिपोर्ट सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल को सौंपी थी। बुधवार को कलेक्टर कार्यालय की ओर से एक आदेश निकाला गया, जिसमें डॉ. शाल्य को बीएमओ पद से मुक्त कर दिया गया। बुधवार दोपहर को बीएमओ का चार्ज वहीं के डॉक्टर देवेन्द्र पंड्या को सौंप दिया गया। हालांकि डॉ. पंड्या संविदा डॉक्टर हैं। नियमानुसार इनको यह पद नहंी सौंपना था।
मुख्यालय पर कोई भी नहीं रहता
जानकारी में आया है कि घट्टिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आधा दर्जन डॉक्टर जिसमें डॉ. अनुज शाल्य, डॉ. देवेन्द्र पंड्या, डॉ. जितेन्द्र जाट, डॉ. दिनेश राठौर सहित आशुष के डॉक्टर भी पदस्थ हैं। इनको जिला मुख्यालय पर रहना चाहिए, लेकिन कोई भी यहां पर निवास नहीं करता है। डॉ. अनुज शाल्य को तो बीएमओ आवास मिला हुआ है, लेकिन वह वेदनगर स्थित अपने आवास पर चले जाते हैं।
इनका कहना
बुधवार को घट्टिया सामुदायिक केन्द्र बीएमओ का चार्ज डॉ. देवेन्द्र पंड्या को सौंप दिया गया है। – डॉ. महावीर खंडेलवाल, सीएमएचओ
तीन साल में तबादला भी नहीं
शासन के नियमानुसार किसी भी शासकीय कर्मचारी एक ही जगह पर पदस्थ नहंी रह सकता, लेकिन इस नियम की अनदेखी घट्टिया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर देखी जा रही है। बीएमओ डॉ. अनुज शाल्य को 5 साल पूरे होने को आ रहे हैं, लेकिन उनका यहां से तबादला नहीं हो पाया है। इसी तरह से अन्य डॉक्टर भी इसकी जद में आ रहे हैं।