कायथा, अग्निपथ। इन दिनों कायथा पुलिस थाना हमले के लिए डायल 100 की कमी परेशानी का सबब बन रही है। अपराधों के त्वरित रोकथाम के लिए शासन द्वारा लागू की गई डायल 100 वाहन से थाना कायथा आज तक वंचित है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कायथा थाना क्षेत्र में लगभग 50 गांव लगने के बावजूद आज तक थाना कायथा पर डायल 100 वाहन के नहीं होने से क्षेत्र में अपराधों की रोकथाम के लिए त्वरित पहुंचने में पुलिस अमले को परेशानी का सामना करना पड़ता है। थाना कायथा का देवास रोड पर आखिरी गांव ग्राम खातीखेड़ी-बरखेड़ा है जोकि कायथा से लगभग 30 किलोमीटर दूरी पर है वही एक अन्य गांव ब?सिंहा है जिसके दूरी कायथा से लगभग 25 किलोमीटर है।
भौगोलिक स्थिति के आधार पर अपराध होने पर या अपराध की सूचना मिलने पर पहुंचने में काफी वक्त जाया हो जाता है। जिससे अपराधियों को अपराध कर भागने का समय मिल जाता है। आमतौर पर डायल 100 को लोग असामान्य स्थिति उत्पन्न होने पर ही कॉल करते हैं, इसलिए ज्यादातर घटनाओं की शुरुआत पर ही पुलिस को जानकारी मिलती है।
एक तरह से यह कहा जा सकता है कि डायल 100 बड़े अपराधों की शुरुआत से पहले ही प्राथमिक उपचार करती है। इसलिए छोटे विवाद बड़ा रूप नहीं ले पाते। इससे कई बार बड़े अपराध टल जाते हैं इसके बावजूद अपराधों पर बेहतर रोकथाम को लेकर थाना कायथा का पुलिस अमला डायल हंड्रेड वाहन की कमी महसूस कर रहा है।
तराना विधानसभा की राजनीति के केंद्र में रहने वाले कायथा के नेताओं द्वारा भी इस मामले में कोई सकारात्मक पहल नहीं करना समझ से परे है राजनीतिक नूरा कुश्ती करने में बीजेपी कांग्रेस मैदान में आ जाती है लेकिन आवश्यक सुविधाओं को दिलवाने के लिए कोई आगे नहीं आता। मीडिया के माध्यम से जरूर मुद्दे उठाए जाते हैं लेकिन नतीजा सिफर ही रहता है।
थाना कायथा के पुलिसकर्मी सिर्फ डायल 100 वाहन की कमी ही नहीं अन्य मूलभूत सुविधाओं जैसे रहने के लिए क्वार्टर तक उपलब्ध नहीं है जिस वजह से अधिकतर पुलिस कर्मी अप डाउन करके नौकरी कर रहे हैं वहीं थाने पर स्टाफ के लिए पीने का पानी भी दो-तीन किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है उक्त कमियों के बावजूद भी पुलिस कर्मियों द्वारा क्षेत्र में अपराधों की रोकथाम व असामाजिक गतिविधियों को बढऩे से रोकने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी सेवाएं दे रहे है।
जल्द प्रयास करेंगे
डायल 100 की कमी के बारे में आप से ही जानकारी मिली है जल्द ही डायल 100 वाहन के साथ अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का प्रयास करेंगे। – रविंद्र वर्मा, एडिशनल एसपी ग्रामीण