शहर में इन दिनों आतिशबाजी खरीदी बिक्री का जोर है। कोरोना त्रासदी से जूझ रही आम जनता कुछ सस्ते पटाखों की जुगाड़ में नदी पार कर रातडिय़ा की ओर रुख करती है। वहां का शुरुआती व्यापारी अपने नाम के अनुरूप सबका बाबजी बनने की नाकाम कोशिश कर रहा है।ग्राहकों से दोयम दर्जे का रूखा व्यवहार, मनमानी कीमतें यह कह कर वसूलना की सबको माल पहुंचाता हूं। मेरे यहां कोई अधिकारी आकर झांक नहीं सकता। प्रशासन ने केन्द्र शासन एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर जिले में धारा 144 लगा कर अमानक एवं प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर रोक लगाई है। परंतु यह व्यापारी खुलेआम प्रतिबंधित पटाखे बेच रहा है। जिसमे मिट्टी के अनार भी सम्मिलित हैं जिन पर बैन है। यदि सूक्ष्मता से जाँच की जाए तो इसके यहां अनिल व अन्य कम्पनी के भी नकली पटाखे मिल जायेंगे जो मिथ्या छाप और चार सौ बीसी का पुख्ता सबूत है। क्षमता से अधिक माल का भंडारण कर रखा है। जबकि आधे से अधिक माल बेच चुका है। त्रस्ञ्ज की चोरी कर शासन को नुकसान पहुंचा रहा है।अपने आप को प्रशासन का बाबजी समझने वाले व्यापारी द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है और ना ही विस्फोटक अधिनियम के तहत नागरिकों की सुरक्षा की व्यवस्था उसके द्वारा की गई है। यदि ऐसे में कोई बड़ा हादसा या घटना हो जाए तो जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता।