कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद सरकार एक बार फिर प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी में है। हालांकि सबसे पहले चुनिंदा जिलों के मुखिया (कलेक्टर) ही बदलने की तैयारी है। कोरोना काल में प्रदर्शन के मान से जिले के मुखिया को बदलने की तैयारी सरकार स्तर पर की जा रही है।
सूत्रों की मानें तो कोरोना काल में सबसे अच्छा प्रदर्शन इंदौर और उज्जैन के मुखिया का रहा है। इन्होंने सरकार की (खासकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की) भावना अनुसार काम किया और लोगों में सरकार की छवि बनाये रखने में बेहतर भूमिका निभाई। प्रशासनिक सूत्रों की मानी जाए तो सरकार की इस भावना के अनुरूप भोपाल के मुखिया काम नहीं कर पाए हैं। इस कारण फेरबदल की संभावना बन रही है।
सूत्रों के मुताबिक उज्जैन के मुखिया इंदौर और इंदौर के मुखिया भोपाल भेजे जा सकते हैं। यह इनके अच्छे काम का इनाम (प्रमोशन) भी कहा जा सकता है। मुख्यमंत्री कार्यालय से इसकी फाइल बल्लभ भवन की ओर रवाना होती इसके पहले भी भारतीय जनता पार्टी के संगठन में कुछ फेरबदल की सुगबुगाहटें उठीं और भोपाल से दिल्ली तक प्रदेश भाजपा के संगठन और सत्ता में परिवर्तन की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। राजनीतिक फेरबदल तो फिलहाल थम गया, लेकिन जिले के मुखियाओं को इस महीने में ही बदल दिया जाएगा।