जिम्मेदार अफसर भाजपा समर्थित सरपंच के खिलाफ गृह मंत्रालय से नहीं ला पाए मंजूरी
उज्जैन,अग्निपथ। सामुदायिक भवन में अवैध शराब (झिंझर) फैक्ट्री चलाने के आरोपी भाजपा समर्थित सरपंच नरेंद्र कुमावत पर डेढ़ माह भी रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) नहीं रह सकी। जिम्मेदारों द्वारा समय पर नियमों का पालन नहीं करवा पाने के कारण जबलपुर कोर्ट ने उसकी रासुका खारिज कर दी।
एडवोकेट विनोद शर्मा ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने सरपंच कुमावत पर रासुका लगाई थी। रासुका के नियमानुसार 12 दिन में गृह मंत्रालय से अप्रूवल लेना अनिवार्य है, लेकिन प्रशासन नहीं ले पाया। वहीं कुमावत का पहले कोई अपराधिक रिकार्ड नहीं है। उन्होंने 28 मई को कुमावत की वर्चुअल पेशी के दौरान इन्हीं बिंदुओं को आधार बनाकर पक्ष रखा।
नतीजतन जबलपुर कोर्ट की ज्यूरी ने रासुका को अवैध करार दे दिया। हालांकि शराब बनाने के आरोप में जमानत नहीं होने तक वह भैरवगढ़ जेल में रहेंगे। याद रहे बांसखेड़ी सरपंच कुमावत पर सामुदायिक भवन में अवैध शराब फैक्ट्री चलाने के आरोप लगने पर पुलिस प्रशासन ने रासुका लगाई थी।
इनामी सप्लायर गिरफ्त से दूर
मामले में पुलिस को स्प्रिट सप्लायर खाचरौद के अंकुश जायसवाल की तलाश है। उसके हाथ नहीं आने पर एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने 5 हजार रुपए ईनाम भी घोषित कर रखा है। वहीं जहरीली शराब बेचने वाले कुमावत के साथियों को भी पुलिस खोज रही है, लेकिन उसका भी सुराग नहीं मिल रहा है।
झिंझर फैक्ट्री मामला अब तक
- 16 अप्रैल: 1600 लीटर स्प्रिट,यूरिया व बोतल मिलने पर फैक्ट्री का खुलासा।
- 17 अप्रैल: उसके कुएं से भी स्प्रीट के 13 खाली ड्रम मिले थे।
- 18 अप्रैल: झिंझर बनाने पर उसका मकान व खेत का निर्माण ध्वस्त किया।
- 18 अप्रैल: रासुका लगाई,फरार होने प 10 हजार रुपए ईनाम घोषित किया।
- 25 अप्रैल: कुमावत गिरफ्तार,26 अप्रैल को भैरवगढ़ जेल भेजा।
- 23 मई: रिमांड पर लाकर उससे स्प्रिट व महंगी शराब के लेबल जब्त किए।
- 27 मई: स्प्रीट लाने वाला टेंकर चालक इंदौर संजय गिरफ्तार, रिमांड पर लिया।