उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार को नेपाली बाबा भगवान महाकाल का गंगोत्री से लाए हुए जल से अभिषेक करने के लिये पहुंचे। उन्होंने कम्प्यूटर बाबा को सीख देते हुए भगवान की आराधना करने को कहा। उन्होंने कहा कि संतों को राजनीति पढ़ानी चाहिये, करना नहीं चाहिये। मंदिर के बाहर निकलते समय उनकी भेंट विश्वात्मानंद महाराज से भी हुई। एक साथ दो संतों का मिलन दर्शन करने वालों के लिये काफी सुखद रहा।
नेपाली बाबा वैश्विक कोरोना महामारी के समाप्ति के लिये गंगोत्री से जल लेकर 12 ज्योतिर्लिंगों का अभिषेक करते हुए उज्जैन पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से जनजीवन परेशान है। ग्रह, नक्षत्र और रोगों के अधिपति भगवान शिव हैं। इनकी शरण में जाने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है और रोगों का विनाश होता है। वह ज्योतिर्लिंग के अतिरिक्त भगवान शिव के अन्य प्रमुख मंदिरों में जाकर गंगाजल से उनका अभिषेक कर रहे हैं।
संत राजनीति पढ़ाएं, करें नहीं
नेपाली बाबा ने कहा कि कम्प्यूटर बाबा से पहले ही कह चुका था कि राजनीति मत करो। संतों का उद्देश्य राजनीति नहीं है। राजनीतिक राजनीति करें, संत भगवत आराधना। उन्होंने कहा कि राजनीति पढ़ाओ, करो मत। संतों का काम है लोगों को आशीर्वाद देना। तलवार चलाना नहीं। भगवान से क्षमा मांगो। संतों का काम दुनिया की निंदा करना नहीं है। संतों को सिखाने का अधिकार है। राजा, रंक, संत, राजनीतिज्ञ सभी का अपना अपना काम है। संतों को राजनीति में नहीं आना चाहिये।