नाले को छोटा करने से बारिश में कई कॉलोनियां हो जाएंगी जलमग्न
उज्जैन, अग्निपथ। मंछामन कॉलोनी में एक बार फिर से भूमाफिया 24 हजार वर्गफीट की सरकारी जमीन को कब्जाने की साजिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने नगर निगम द्वारा बनाए गए पत्थर के नाले को तोडऩा शुरू कर दिया है। यह एक सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है। 24 हजार वर्गफीट जमीन को भूमाफिया को सौंपने के लिए कुछ सरकारी विभाग भी मददगार बन गए हैं।
कब्जा करने के लिए 40 फीट के नाले को 10 फीट कर दिया गया है। जबकि इसे छोटा करने से बारिश में जल भराव की समस्या खड़ी हो जाएगी। पूरे शहर का निचला क्षेत्र होने की वजह मंछामन कॉलोनी में बारिश का पानी एकत्र होता है यदि इस नाले की चौड़ाई कम हुई तो बारिश का पूरा पानी हनुमान नाके चौराहे, शिवाजी नगर, भेरूमाली की बगीची, गधा पुलिया क्षेत्र में जमा हो जाएगा। इस जल भराव से स्थानीय लोगों का आवागमन बाधित हो जाएगा।
क्षेत्र के रहवासियों की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया और झोन क्रमांक 6 को इस संबंध में मौका मुआयना करने के निर्देश दिए हैं। मामले की जानकारी वार्ड 35 के पूर्व पार्षद अर्जुन सिंह चंदेल को स्थानीय लोगों ने दी। उन्होंने नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल को शिकायत की है और अतिक्रमण को रोकने और भूमाफिया के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है।
लेवाल-बेचवाल एक ही व्यक्ति
सूत्रों का कहना है कि मंछामन कॉलोनी सुरेश मोढ़, सुल्तान लाला, अख्तर बेग, मुन्ना सोगानी, सुराना एवं विजयवर्गीय ने मिलकर काटी थी।
जिस पर 24 हजार वर्गफीट का खेल खेला जा रहा है। उसमें मुन्ना सोगानी ने भाजपा के एक पूर्व नगर अध्यक्ष एवं विशाल शर्मा नामक व्यक्ति को साथ लेकर इस जमीन का सौदा किया है। मुन्ना सोगानी बेचवाल और लेवाल दोनों ही है।
क्या कहता है नियम
मप्र शासन के 1 जून 2012 को प्रकाशित राजपत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि जल निकासी, जलस्रोत के उच्चतम जल स्तर से 9 मीटर (लगभग 30 फीट) की दूरी तक भू्मि के किसी भी हिस्से का उपयोग भवन निर्माण के लिए नहीं किया जा सकता है।