नगर निगम के अधिकारियों ने आंखे मूंदी, जनता में नाराजगी
उज्जैन। आगर रोड पर गायत्री नगर के एक हिस्से में बन रही विवादित बिल्डिंग के पीछे वाले हिस्से में अब देशी शराब की दुकान भी खुल गई है। नरेश जीनिंग फैक्ट्री परिसर में संचालित होने वाली शराब दुकान को शनिवार को नई जगह पर शिफ्ट कर दिया गया। जिस जगह शराब की दुकान खुली है, वह जगह भी उसी परिवार की बताई जा रही है जिनकी बिल्डिंग के सिंहस्थ क्षेत्र में होने की आशंका के चलते नगर निगम ने नोटिस जारी किया हुआ है।
इलाके के रहवासियों का आरोप है कि जहां शराब दुकान खोली गई है, वहां से नए मास्टर प्लान में 45 मीटर चौड़ा रोड़ निकाला जाना प्रस्तावित है। इस तथ्य पर न प्रशासन ने ध्यान दिया और न ही नगर निगम के अधिकारियों ने।
गायत्री नगर में सर्वे नंबर 1535 के नौ हिस्सों में से चार राजस्व रिकार्ड में सिंहस्थ आरक्षित होने की जानकारी हमने आपको रविवार के अंक में दी थी। अब इसी विवादित जमींन से सटकर देशी शराब की दुकान भी खुल गई है। शराब की दुकान खुल जाने के बाद से ही इलाके के लोगों में खासी नाराजगी है।
क्षेत्रीय रहवासियों के मुताबिक मंगलवार को गायत्री नगर, नागेश्वरधाम, बाफना पार्क के रहवासी शराब दुकान हटाने को लेकर विधायक पारस जैन और कलेक्टर आशीषसिंह से मुलाकात करेंगे।
मास्टर प्लान में रोड़ है यहां
गायत्री नगर क्षेत्र के रहवासियों के मुताबिक जिस जगह पर देशी शराब की दुकान खोली गई है वहां से मास्टर प्लान 2035 में 45 मीटर चौड़ा रोड निकाला जाना प्रस्तावित किया गया है। यह रोड़ सीधे आगर रोड से जुड़ेगा। रहवासियों का आरोप है कि जिस जगह पर शराब की दुकान खोली गई है वह सर्वे नंबर भी सिंहस्थ क्षेत्र के रूप में आरक्षित है बावजूद इसके यहां शराब दुकान खोलने की अनुमति दे दी गई।
पिछले साल भी ठीक इसी जगह पर बाउंड्रीवॉल के निर्माण को नगर निगम के ही अधिकारियों ने रूकवा दिया था। इस बार यहां नगर निगम से कोई आकर ही नहीं झांका।
आगे बिल्डिंग में भी जारी है काम
गायत्री नगर क्षेत्र की तीन मंजिला बिल्डिंग के निर्माण के लिए नगर निगम से अनुमति जारी हुई, नगर निगम ने ही बिल्डिंग निर्माण करने वाले राकेश कोठारी, संजय कोठारी, मनीष कोठारी को नगर निगम अधिनियम की धारा 307 के अंतर्गत अवैध निर्माण का नोटिस जारी किया हुआ है। इस नोटिस का फिलहाल निराकरण नहीं हुआ है। इसके बावजूद बिल्डिंग में कंस्ट्रक्शन का काम बदस्तूर जारी है। नगर निगम के अधिकारी बिल्डिंग निर्माणकर्ता द्वारा जवाब प्रस्तुत कर दिए जाने के बाद से ही इस प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाले हुए है।