रामबाबू शर्मा के खिलाफ सूचना आयोग की कार्रवाई
उज्जैन। नगर निगम के प्रभारी अधीक्षण यंत्री रामबाबू शर्मा की तनख्वाह में इस महीने 50 हजार रूपए का फटका लगा है। राज्य सूचना आयोग के निर्देश पर उनकी तनख्वाह से 50 हजार रूपए जुर्माना काट लिया गया। सोमवार को इस राशि का डिमांड ड्राफ्ट बनाकर अब उसे राज्य सूचना आयोग को भेजा जाएगा।
नगर निगम के प्रकाश विभाग के ठेकेदार रहे कैलाशचंद्र जैन तरल की अपील पर यह कार्रवाई हुई है। कैलाशचंद्र तरल के बिजली सामग्री सप्लाय के एक ठेके का भुगतान लंबित चल रहा था। उन्होंने 2016 में भुगतान संबंधी प्रक्रिया के कुछ दस्तावेज सूचना के अधिकार के तहत नगर निगम से मांगे थे। दो अलग-अलग अपीलों में उन्हें दस्तावेज तय अवधि में नहीं दिए गए। ठेकेदार कैलाशचंद्र तरल ने इस मामले में राज्य सूचना आयोग में अपील की थी।
इस अपील पर करीब 8 महीने पहले ही नगर निगम के प्रथम अपीलीय अधिकारी रामबाबू शर्मा पर 50 हजार रूपए का जुर्माना लगाने के आदेश जारी हुए थे। आदेश जारी होने के बावजूद मामला नगर निगम में लंबित रहा। अब राज्य सूचना आयोग ने उनके वेतन से जुर्माने की रकम वसूलने और दो महीने में प्रकरण का निराकरण करने के निर्देश जारी किए थे।
सूचना आयोग की सख्त हिदायत के बाद आखिरकार प्रभारी अधीक्षण यंत्री रामबाबू शर्मा के वेतन से जुर्माने की रकम काटी गई और इसका डीडी राज्य सूचना आयोग को भेजा जा रहा है।